65.65 प्रतिशत मत हासिल करके एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद भारत के 14वें राष्ट्रपति का चुनाव जीत चुके हैं। उनका मुकाबला यूपीए की प्रत्याशी मीरा कुमार से था जिन्हें 34.35 प्रतिशत वोट मिले। आंकड़ों के आधार पर पहले से ही कोविंद की जीत तय मानी जा रही थी।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के अब तक के राष्ट्रपति किस प्रकार चुने गए, आगे जानिए….
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 को स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति बने। केटी शाह उनके प्रतिद्वंद्वी थे। इस चुनाव कुल 6,05,386 वोट पड़े। डॉ. राजेंद्र प्रसाद को 5,07,400 वोट मिले, जबकि केटी शाह को 92,827 वोट मिले। दूसरे राष्ट्रपति चुनाव में राजेंद्र बाबू ने चौधरी हरी राम को हराया। 03 दिसंबर 1884 को राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार के सारण जिले के जीरादेई नामक गांव में हुआ था। राष्ट्रपति के तौर पर उन्होंने कभी भी अपने संवैधानिक अधिकारों में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू या कांग्रेस को दखलअंदाजी का मौका नहीं दिया। हमेशा स्वतंत्र रूप से काम करते रहे। हिंदू मैरेज ऐक्ट पारित करते समय उन्होंने बहुत कड़ा रुख अपनाया था। उन्हें 1962 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। 28 फरवरी 1963 को पटना के सदाकत आश्रम में राजेंद्र बाबू का निधन हुआ।
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में 05 सितंबर 1888 को हुआ था। डॉक्टर राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद्, दार्शनिक, वक्ता और हिंदू विचारक थे। 40 साल तक एक टीचर के रूप में काम करने वाले राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस(05 सितंबर) मनाया जाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। इन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी चौधरी हरी राम को हराया। राधाकृष्णन ने 13 मई 1962 को राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला। राधाकृष्णन को 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
डॉक्टर जाकिर हुसैन 13 मई 1967 को भारत के तीसरे राष्ट्रपति बने। इन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में कोका सुब्बाराव को हराया था। डॉक्टर जाकिर हुसैन का जन्म 08 फरवरी 1897 को आंध्र प्रदेश के एक धनी पठान परिवार में हुआ था। 1920 में इन्होंने जामिया मिलिया की स्थापना में सहयोग दिया। 1962 में डॉक्टर जाकिर हुसैन उपराष्ट्रपति बने। डॉक्टर हुसैन को 1963 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1969 में असामयिक मौत की वजह से वह राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। इनके निधन के बाद वी.वी गिरी कार्यवाहक(03 मई 1969 से 20 जुलाई 1969) राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए गिरी ने इस पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भारत के पूर्व चीफ जस्टिस मुहम्मद हिदायतुल्लाह ने राष्ट्रपति पद(20 जुलाई 1969 से 24 जुलाई 1969) का कार्यभार संभाला।
वराहगिरी वेंकट गिरी (वी.वी. गिरी) ने 24 अगस्त 1969 को भारत के चौथे राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया। डॉक्टर जाकिर हुसैन की असामयिक मौत के बाद वह बतौर कार्यकारी राष्ट्रपति पदभार संभाल चुके थे। राष्ट्रपति चुनाव में इन्होंने नीलम संजीव रेड्डी को हराया था। वी.वी गिरी को 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
वी.वी. गिरी के बाद फखरुद्दीन अली अहमद भारत के पांचवें राष्ट्रपति बने। 24 अगस्त 1974 से लेकर 11 फरवरी 1977 तक वह इस पद पर रहे। अहमद का जन्म 13 मई 1905 को दिल्ली में हुआ था। 1974 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अहमद को राष्ट्रपति पद के लिए चुना। इंदिरा गांधी के कहने पर उन्होंने 1975 में अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल किया और आपातकाल की घोषणा कर दी। 1977 में हार्ट अटैक की वजह से अहमद का ऑफिस में निधन हो गया। इन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में टी. चौधरी को हराया था। इनकी असामयिक मौत के बाद बी.डी जत्ती ने कार्यवाहक राष्ट्रपति(11फरवरी 1977 से 25 जुलाई 1977) के तौर पर कार्यभार संभाला।
ज्ञानी जैल सिंह भारत के सातवें राष्ट्रपति थे। इन्हीं के कार्यकाल में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। प्रतिक्रिया स्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सिख बॉडीगार्ड ने उनकी हत्या कर दी और देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़के। ज्ञानी जैल का जन्म पंजाब के फरीदकोट में 05 मई 1916 को हुआ था। इन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में एच. आर. खन्ना को हराया था। ज्ञानी जैल सिंह 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 तक राष्ट्रपति रहे।
डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा भारत के नौवें राष्ट्रपति थे। इन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में जॉर्ज स्वेल को हराया था। शर्मा संसदीय नियमों का सख्ती से पालन करते थे। राज्य सभा में एक मौके पर वे इसलिए रो पड़े थे कि क्योंकि राज्य सभा के सदस्यों ने एक राजनैतिक मुद्दे पर सदन को जाम कर दिया था।
श्रीमती प्रतिभा पाटिल भारत की बारहवीं और पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। राष्ट्रपति चुनाव में इन्होंने भैरों सिंह शेखावत को हराया था। 25 जुलाई 2007 को राष्ट्रपति का पद संभालने वालीं प्रतिभा पाटिल और उनका परिवार हमेशा विवादों में रहा। 25 जुलाई 2012 को इनका कार्यकाल खत्म हुआ।
20 जुलाई के नतीजों के बाद साफ हो गया है कि प्रणब मुखर्जी की जगह रामनाथ कोविंद लेंगे। देश के 14वें राष्ट्रपति बनने से पहले कोविंद बिहार के राज्यपाल थे। कोविंद का जन्म कानपुर देहात में 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था। कोविंद ने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में करीब 16 साल तक वकालत की। वह 1994 में यूपी से राज्यसभा के लिए चुने गए और लगातार 2 बार उच्च सदन के सदस्य रहे। 1998 से 2002 तक बीजेपी के दलित मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे। कोविंद IIM कोलकाता के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं कोविंद, संयुक्त राष्ट्र में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।