राजस्थान में दूषित पानी पीने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत, 48 बच्चों समेत 130 से अधिक लोग बीमार

प्रधान मुख्य चिकित्साधिकारी डा पुष्पेन्द्र गुप्ता ने बताया कि कोतवाली थाना क्षेत्र के बड़ापाड़ा, कसाईबाड़ा, शाहगंज, बयानिया, डाल पोथा इलाके में गंदे पानी के सेवन से 86 लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत पर जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती किया गया।
राजस्थान में दूषित पानी पीने से 12 वर्षीय बच्चे की मौत, 48 बच्चों समेत 130 से अधिक लोग बीमार

राजस्थान के करौली जिले में गंदे पानी पीने से  12 साल के एक बच्चे की मौत हो गई है , जबकि कई अन्य लोग बीमार हो गए।

17 की हालत गंभीर होने पर जयपुर रेफर किया गया है। मामला करौली के हिंडौनसिटी का है।

जानकारी के अनुसार हिंडौन के चौबे पाड़ा, दुब्बे पाड़ा, काना हनुमान पाड़ा, पाठक पाड़ा, जाट की सराय, गुलशन कॉलोनी, बाइपास सहित कई कॉलोनियों में जलदाय विभाग की एक टंकी से पानी सप्लाई होता है। 2 दिन पहले पानी पीने से उल्टी-दस्त के मरीज आना शुरू हुए। इन कॉलोनियों के करीब 125 से ज्यादा लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित बताए जा रहे हैं।

इनमें से 90 से ज्यादा लोगों को हिंडौन के जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। 11 बच्चों समेत 17 से ज्यादा मरीजों को गंभीर हालत में जयपुर रेफर किया गया है। इनमें बच्चों को जेके लोन और अन्य को एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल आने वाले रोगी डिहाइड्रेशन से पीड़ित हैं। उन्होंने दूषित भोजन अथवा पानी पीने की आशंका व्यक्त की है।

रात में शुरू हुए थे उल्टी-दस्त, सुबह मौत
हिंडौन के शाहगंज निवासी देवकुमार (12) पुत्र गिरधारी कोली को देर रात को उल्टी-दस्त शुरू हो गए थे। परिजन मंगलवार सुबह उसको लेकर हिंडौन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत के बाद लोगों ने जलदाय विभाग और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया। लोगों ने कहा कि जलदाय विभाग ने पिछले काफी समय से टंकी की सफाई नहीं कराई है। दूषित पानी सप्लाई की शिकायत उन्होंने कई बार की, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।

मेडिकल टीम भेजकर सर्वे कराया गया  
लोगों ने कहा कि इलाके में 50 साल पुरानी पाइप लाइन और टंकी की सफाई नहीं होने से लोगों के घरों तक गंदा पानी पहुंच रहा है, लेकिन शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। एक साथ इतने मरीजों के आने पर जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. पुष्पेंद्र गुप्ता ने पुरानी आबादी क्षेत्र में मेडिकल टीम भेजकर सर्वे कराया। साथ ही कई जगहों से पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। लगातार बढ़ रहे मरीजों के कारण अस्पताल के वार्ड भी फुल हो गए।

अस्पताल में मरीजों की अचानक भीड़ से बेड पड़े कम 
कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बताया कि दूषित पानी पीने से कुछ लोग हिंडौन जिला अस्पताल में एडमिट हुए थे। इसके बाद पीएचईडी के अधिकारियों ने तुरंत पानी की सप्लाई बंद कर दी और सैंपल लिए गए हैं। जो पानी घर में स्टोर था, उसके भी सैंपल लिए है। जांच करने पर ही पता चल पाएगा कि पानी दूषित हुआ था तो कहां से हुआ था।

उन्होंने कहा कि हिंडौन अस्पताल में एक साथ इतने मरीज आने से बेड की कमी हो गई थी। इस पर उन्होंने अतिरिक्त वार्ड खुलवा दिए हैं। साथ ही ज्यादातर लोगों का ट्रीटमेंट घर पर करने के लिए टीम बनाई है। घर पर स्क्रीनिंग के दौरान किसी की हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत अस्पताल लाकर इलाज किया जाएगा। एसडीएम सुरेश कुमार हरसोलिया ने बताया कि पुरानी आबादी क्षेत्र में कई स्थानों पर पानी की पाइप लाइन में लीकेज मिले हैं।

कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप
चिकित्सा विभाग ने शाहगंज, चौबे पाड़ा, पुरानी कचहरी और धाकड़ पोठा में कैंप लगाए और 200 से अधिक लोगों की जांच की। लोगों ने जलदाय विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। लोगों के बीमार होने पर कर्मचारियों ने टंकी पर सफाई की तारीख 14 अक्टूबर लिख दी है। कुछ लोगों ने कर्मचारियों पर सैंपल लेकर फेंकने के भी आरोप लगाए।

मंत्री ने मांगी रिपोर्ट
दूषित पेयजल को लेकर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने हिंडौन अफसरों से समीक्षा रिपोर्ट मांगी है। इस पर जलदाय विभाग के XEN मुकेश मीणा ने तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजी है। जलदाय विभाग की टीम ने अब तक 50 से ज्यादा अवैध कनेक्शन काटे हैं। अब इन अवैध कनेक्शन वालों के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।

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