हिसार
खुद को ‘भगवान’ बताने वाले हरियाणा के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को अदालत से बड़ी राहत मिली है। हिसार कोर्ट ने बाबा रामपाल को दो मामलों में बरी कर दिया है। रामपाल के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और आश्रम के अंदर महिलाओं को बंधक बनाकर रखने के आरोप थे। वैसे बाबा रामपाल इन दोनों मामलों में बरी होने के बाद भी जेल में ही रहेंगे। रामपाल के खिलाफ राष्ट्रद्रोह और हत्या के मामले चलते रहेंगे।
बाबा रामपाल जिन मामलों (केस नंबर 426 और 427) में बरी हुए हैं, वे साल 2014 के हैं। बाबा रामपाल के वकील एपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने उन्हें (बाबा) को दो मामलों में बरी कर दिया गया है। उन्होंने इसे सत्य की जीत बताया।
यह फैसला 24 अगस्त को ही आना था, लेकिन डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के मामले को देखते हुए सुरक्षा कारणों से इसे टाल दिया गया था। रामपाल के खिलाफ देशद्रोह सहित आधा दर्जन केस दर्ज हैं और वह हिसार की सेंट्रल जेल-2 में बंद हैं।
हिसार में धारा-144 लागू
अदालत के फैसला आने से पहले सुरक्षा के मद्देनजर हिसार में धारा-144 लगा दी गई थी। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। शहर को पूरी तरह सील कर दिया गया थे। शहर में 10 अतिरिक्त नाके लगाकर पुलिस की ड्यूटी लगाई गई थी। डेरा हिंसा से सबक लेते हुए प्रशासन ने हिसार में रामपाल के समर्थकों को आने से रोक दिया।
हिसार सेंट्रल जेल में सुनवाई
रामपाल और उनके समर्थकों के खिलाफ दर्ज केसों की सुनवाई के लिए सेंट्रल जेल-1 में स्पेशल कोर्ट स्थापित की गई थी, क्योंकि हिसार कोर्ट में पेशी के दौरान भारी संख्या में उनके समर्थक कोर्ट पहुंच जाते थे। ऐसे में पुलिस के लिए कानून व्यवस्था को संभालना मुश्किल हो जाता था। यही वजह है कि हिसार की सेंट्रल जेल के अंदर ही एक स्पेशल कोर्ट बनाकर इन मामलों की सुनवाई हुई।
2014 में बने थे टकराव के हालात
राम रहीम को लेकर जिस तरह के हालात हरियाणा में पैदा हुए, वैसे ही हालात नवंबर 2014 में बने थे जब सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल की पेशी होनी थी। आश्रम की जमीन को लेकर उपजे विवाद पर सुनवाई के लिए रामपाल हाई कोर्ट में पेश नहीं हुए थे और अपने अनुयायियों को ढाल बनाकर आश्रम के अंदर बैठ गए थे।
आश्रम के ब्लैक कैट कमांडो ने पुलिस और सुरक्षा बलों को खुली ललकार दी थी और तब दोनों ओर से हुए टकराव में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। 6 महिलाओं की दम घुटने से मौत हो गई थी। इन मौतों का आरोप रामपाल और उनके अनुयायियों पर है। रामपाल समेत 939 समर्थकों पर केस चल रहा है, जिसके बाद से ही रामपाल जेल की सलाखों के पीछे हैं।