नई दिल्ली: इस साल जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के लिए अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनाने का रास्ता साफ होता जा रहा है. आंध्र प्रदेश के दल वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. वैसे ही बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए पहले से ही काफी मजबूत स्थिति में है. 410 सांसद और 1691 विधायकों की ताकत से एनडीए के पास 5,32,019 वोट हैं. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए देश भर के सभी 4120 विधायकों और 776 सांसदों को मिला कर चुनाव मंडल बनता है. उनके वोटों का कुल मूल्य 10,98,882 है और जीतने के लिए 5,49,441 वोट चाहिए. यानी एनडीए को सिर्फ 17,422 वोट ही चाहिए. वाईएसआर कांग्रेस के पास 16,848 वोट हैं.
उधर टीआरएस और एआईएडीएमके के दोनों धड़े भी एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करने का संकेत दे रही है. टीआरएस के पास 22,048 वोट हैं जबकि एआईएडीएमके के दोनों धड़ों के पास 59,224 वोट हैं. इस तरह से एनडीए के पास जरूरी बहुमत से भी अधिक आंकड़ा बनने के आसार हैं.
दांवपेंच
उधर, विपक्ष भी गठजोड़ करने में लगा है. कमान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संभाली है. नीतीश कुमार जैसे विपक्षी नेता सोनिया गांधी से इस संबंध में मुलाकात कर चुके हैं. संभावना है कि सोनिया गांधी सोमवार को तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी से मिलेंगी. लेकिन विपक्ष के पास आंकड़ें नहीं हैं, ऐसे में ये सांकेतिक मुकाबला ही होगा.
विपक्ष की अधिकांश पार्टियों को मिला कर करीब 3,91,739 वोट बनते हैं. कांग्रेस की उम्मीदें बीजेडी, टीआरएस, एआईएडीएमके और वाईएसआर कांग्रेस पर टिकी हैं लेकिन बीजेडी को छोड़ कर बाकी सभी पार्टियां एनडीए के साथ जाने को तैयार दिख रही है.
संभावित नाम
सत्तापक्ष
अब सवाल ये है कि अगला राष्ट्रपति कौन हो सकता है. फिलहाल तो इसका जवाब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है. हालांकि बीजेपी नेताओं में कई नामों की चर्चा है. सत्ता पक्ष की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू या शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू का नाम लिया जा रहा है. हालांकि आखिरी मौके पर किसी चौंकाने वाले नाम से इनकार नहीं किया जा सकता. जून में बीजेपी कोर ग्रुप और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत के बाद नाम तय होगा.