(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को कोर्ट ने दो दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमाण्ड पर देने की मंजूरी दे दी हे। अब पुलिस इनके बयान के आधार पर एक बार फिर से क्राइम सीन का री-क्रिएशन कराकर साक्ष्य जुटाएगी। इन दोनों अभियुक्तों की कस्टडी रिमाण्ड की अवधि 13 अक्टूबर की सुबह 10 बजे से 15 अक्टूबर की सुबह 10 बजे तक होगी। सीजेएम आनंद प्रकाश सिंह ने यह आदेश मामले के विवेचक इंस्पेक्टर महानगर विकास पाण्डेय की अर्जी पर दिया है। आरोपी सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार को बर्खास्त किया जा चुका है। अदालत की कार्रवाई के दौरान इंस्पेक्टर विकास पाण्डेय ने बताया कि अभियुक्तों से घटना के पहले, घटना के वक्त और घटना के बाद के सभी बिन्दुओं पर पूछताछ की जानी है। इस आधार पर घटना का री-क्रिएशन कराकर वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र करना है। वहीं संदीप ने अपने बयान में बताया है कि उसने घटना में इस्तेमाल डंडा वहीं देंक दिया था, जिसे वह चलकर बरामद करा सकता है। विवेचक का कहना था कि यह महत्वपूर्ण साक्ष्य है। लिहाजा इन दोनों अभियुक्तों को तीन दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमाण्ड मंजूर की जाए। इस पर कोर्ट ने दो दिन की रिमाण्ड मंजूर कर ली। अर्जी पर सुनवाई के दौरान दोनों बर्खास्त पुलिस कर्मी जेल से अदालत में हाजिर थे। आईजी रेंज सुजीत पाण्डेय ने बताया कि शनिवार को पुलिस टीम जेल जाकर आरोपी सिपाहियों को कस्टडी में लेगी। इसके बाद उनसे कई बिन्दुओं पर पूछताछ की जाएगी। चश्मदीद सना के बयान और अब तक संकलित किये गए साक्ष्यों के आधार पर सिपाहियों से पूछताछ के लिए सवालों की सूची तैयार की गई है। एसआईटी में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि चश्मदीद सना और आरोपी सिपाहियों के बयानों में काफी अंतर है। इसकी गुत्थी सुलझाने के लिए आरोपियों का सना से आमना-सामना कराकर पूछताछ भी की जा सकती है। वारदात की चश्मदीद सना की मौजूदगी में एसआईटी ने 2 अक्टूबर को घटनास्थल पर क्राइम सीन का नाट्य रूपांतरण किया था। इस दौरान पुलिस ने विवेक की गाड़ी के मॉडल की एक्सयूवी और सिपाहियों की अपाचे बाइक मंगवाकर घटना के वक्त गाड़ियों की लोकेशन समझने की कोशिश की थी। इसमें यह भी साफ हो गया था कि सामने से आये सिपाहियों ने बाइक लगाकर विवेक की गाड़ी रोकी थी और सिपाही प्रशांत चौधरी ने विवेक को सामने से ही गोली मारी थी। लेकिन, यह री-क्रिएशन सना के बयान के मुताबिक था। लिहाजा पुलिस अब सिपाहियों के बयान के आधार पर दूसरी बार री-क्रिएशन करेगी। 28 सितम्बर की रात वारदात के दौरान दोनों सिपाही वर्दी में थे या नहीं? घटना के बाद वह किस वाहन से कहां गए और किसको सूचना दी? थाने में वह कहां रहे और किन-किन अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की? उनकी बाइक विवेक की गाड़ी से डैमेज हुई या इसमें भी कोई खेल था? उन्होंने विवेक को क्यों गोली मारी? उनका मेडिकल देर से क्यों कराया गया? रिमाण्ड अवधि के दौरान एसआईटी दोनों सिपाहियों से इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश करेगी।