इथोपिया में भी लुंगी पारंपरिक पहनावा है। यह एक गर्म देश है जहां लुंगी को लोग आरामदायक परिधान मानते हैं। यहां ज्यादातर लोग लुंगी में नजर आते हैं।
साउथ इंडिया में लुंगी पारंपरिक परिधान है। यहां आम और खास मौको के लिए अलग-अलग तरह की लुंगी होती है। आमतौ पर कामकाजी मजदूर या घर पर लोग प्रिंटेड लुंगी पहनते हैं जबकि शादी-ब्याह या किसी खास मौके पर लोग सफेद कॉटन या रेशम की लुंगी पहनना पसंद करते हैं। साउथ में नेता हो या मंत्री सब झक्क सफेद लुंगी ही पहना पसंद करते हैं। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, उड़ीसा आदि में लुंगी काफी चलन में रहती है।
इंडोनेशिया, मलेशिया, श्रीलंका, सिंगापुर और ब्रुनोई में लुंगी को सरुनग के नाम से जाना जाता है। यह इंडोनेशिया का पारंपरिक परिधान है। यहां पर धर्मिक कार्यक्रमो में लोग सरुनग पहने ही नजर आयेंगे। यहां इसे बटिक नाम से भी जाना जाता है। इसे कलिमंतन नाम से भी जाना जाता है।
म्यांमार में लुंगी को लोंगी नाम से जाना जाता है। आदमियों के लोंगी को पासो नाम से जाना जाता है। महिलाओं के लिये इसे हतमेन नाम से जाना जाता है। लुंगी यहां सामान्य जीवन के साथ धर्मिक और विशेष कार्यो में भी पहनी जाती है।
ओमान में लुंगी को इजार के नाम से जाना जाता है। सफेद इजार यहां पर लोग पहनते हैं पर मछुआरे रंगीन इजार पहनते हैं। यहां पर ट्रेडिशनल डॉन्स के दौरान भी लोग इजार पहनना पसंद करते हैं। इजार यहां का पारंपरिक परिधान है।
साऊदी अरब में भी लुंगी को इजार के नाम से जाना जाता है। यहां के ट्राइबल लोग इसे असिर के नाम से जानते हैं। यमन में भी लोग इजार पहनना पसंद करते हैं। यहां पर इसका रंग काला हो जाता है। कोस्टल एरिया में भी लोग रंगीन इजार पहनना पसंद करते हैं।
सोमालिया में लोग लुंगी को कैजुअल तौर पर पहनते हैं। सोमालिया में इसे मेकाविस के नाम से जाना जाता है। यहां लोग सफेद रंग पसंद करते हैं। यहां पर कलर लुंगी भी बहुत पाप्युलर है।
थाईलैंड में लुंगी को ‘पा को मा’ नाम जाना जाता है। जिसे यहां पर पुरुष पहनते हैं। महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली लुंगी को यहां पर ‘पा टोंग’ के नाम से जाना जाता है।