सीनियर मंत्री और जेडीयू नेता विजेंद्र प्रसाद यादव और राजीव रंजन सिंह लल्लन ने कहा, ‘हम आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद से अपील करते हैं कि वह रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं पर लगाम कसें जो लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। लालू को अपनी पार्टी के नेताओं को गठबंधन धर्म निभाने के लिए कहना चाहिए। वह यह भरोसा पैदा करें कि इस तरह के नेताओं को अनुशासित किया जा रहा है।’
शहाबुद्दीन ने जेल से बाहर आने के बाद नीतीश कुमार को ‘परिस्थितियों का सीएम’ करार दिया था। वहीं, नीतीश ने इस टिप्पणी को ज्यादा तूल न देते हुए कहा था कि हर कोई जानता है कि जनादेश किसे मिला है।
केंद्रीय मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद आरजेडी के उपाध्यक्ष हैं। रविवार को उन्होंने कहा था, ‘गठबंधन में बहुत सारी पार्टियां हैं और लालू हमारे नेता हैं। गठबंधन के सहयोगियों ने नीतीश कुमार को सीएम बनाने का फैसला किया। मैंने इसका समर्थन नहीं किया लेकिन वह फैसला ले चुके थे। शहाबुद्दीन के बयान में गलत क्या है? नीतीश कुमार वास्तव में परिस्थितियों के सीएम हैं। वह अपनी खूबियों या संख्याबल के आधार पर सीएम नहीं बने हैं।’
उधर, शहाबुद्दीन की जेल से रिहाई पर उनकी अगवानी करना जेडीयू के विधायक गिरधारी यादव को महंगा पड़ा। पार्टी ने सोमवार को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सोमवार को बताया कि बेलहर के विधायक गिरधारी यादव को नोटिस जारी करके पूछा गया है कि किन परिस्थितियों में वह शहाबुद्दीन के साथ थे, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आलोचना सुनने की नौबत आ गई। सिंह ने बताया कि विधायक से 15 दिनों के अंदर सफाई मांगी गई है।
इस बारे में पूछे जाने पर विधायक ने कहा कि उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी कोई नोटिस भेजती है, तब वह जवाब देंगे। उन्होंने शहाबुद्दीन की अगवानी में शामिल होने की बात कबूलते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से वहां गए थे।
शहाबुद्दीन चर्चित तेजाब हत्याकांड मामले में पटना हाई कोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बाद शनिवार को भागलपुर जेल से रिहा किए गए थे। जेल के बाहर उनका स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद थे। इसके बाद करीब 150 गाड़ियों के काफिले के साथ शहाबुद्दीन सीवान के लिए रवाना हुए थे।