सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा- आपको डरना नहीं चाहिए, हम आदमखोर शेर नहीं हैं।

आंध्र प्रदेश की तरफ से पेश वकील ने राज्य सरकार के एक आदेश को बेंच के सामने रखा। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने ट्रिमेक्स ग्रुप के सभी खनन कार्य निलंबित कर दिए हैं।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अगर कोई मामला सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में आया है तो राज्य सरकारों को डरने की जरूरत नहीं है। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने आंध्र प्रदेश में अवैध खनन के मामले की सुनवाई के दौरान ये कमेंट दिया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एक प्राइवेट फर्म के खिलाफ अवैध खनन का आरोप लगाया गया था। फर्म की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जिरह की। उन्होंने कहा- फर्म के खिलाफ याचिका दायर करने का मकसद राज्य सरकार पर दबाव डालना है। आंध्र प्रदेश की तरफ से पेश वकील ने राज्य सरकार के एक आदेश को बेंच के सामने रखा। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने ट्रिमेक्स ग्रुप के सभी खनन कार्य निलंबित कर दिए हैं। मुकुल रोहतगी ने कहा- अभी इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है और ये मामला भी अवैध खनन का नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने यह फैसला ले लिया है। हम इस फैसले को चुनौती देते हैं। पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह ईएएस शर्मा, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.. उनकी ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा- राज्य ने केवल लाइसेंस निलंबित करने का आदेश दिया है। वह इसे रद्द भी कर सकती थी और कंपनी से पैसा भी वसूल सकती थी। रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार ने यह फैसला लेकर याचिकाकर्ता की कोशिश को कामयाब कर दिया। इस पर बेंच ने कहा- राज्य सरकार इतनी असहाय नहीं है कि एक या दो आदमी उसे किसी चीज के लिए मजबूर कर सकें। इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।

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