कुल्लू: कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी और जनजातीय विकास मंत्री डा. रामलाल मार्कण्डेय ने वीरवार देर शाम मनाली में भाषा एवं संस्कृति विभाग, उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय हिम लोक दर्शन उत्सव का विधिवत उदघाटन किया।
इस अवसर पर डा. मार्कण्डेय ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और कलाकृतियों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए वचनबद्ध है। इसीलिए सरकार ने प्रदेश के शिल्पकारों और हस्तशिल्पियों को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने के लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हिम कला दर्शन कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। कृषि मंत्री ने कहा कि हिमाचल के हस्तशिल्पियों को अन्य राज्यों के शिल्पकारों के साथ संवाद और कलाकृतियों के आदान-प्रदान के अवसर भी मुहैया करवाए जाएंगे। इससे प्रदेश के हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा उनकी कलाकृतियों को अच्छे दाम भी मिलेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि हस्तशिल्पियों की कलाकृतियों को सरकारी कार्यक्रमों में स्मृति चिह्नों के रूप में भी प्रयोग किया जाएगा।
इस अवसर पर कृषि मंत्री का स्वागत करते हुए भाषा एवं संस्कृति विभाग की सचिव पूर्णिमा चैहान ने कहा कि हिमाचल लोक दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के शिल्पकारों की कलाकृतियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। मनाली में आयोजित किए जा रहे चार दिवसीय हिम लोक दर्शन उत्सव में कुल्लू, मंडी और लाहौल-स्पीति जिले के हस्तशिल्पियों को आमंत्रित किया गया है। उदघाटन समारोह में उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के निदेशक सौभाग्यवर्द्धन ने कहा कि चार दिवसीय उत्सव के दौरान हिमाचल के सभी जिलों के लोक कलाकार अपनी समृद्ध लोक संस्कृति की शानदार झलक दिखाएंगे। इस मौके पर मनाली के एसडीएम रमन घरसंगी और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।