(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): 9 सितंबर हिमाचल प्रदेश सरकार ने किन्नौर और कुल्लू जिलों में शुक्रवार को 15 सितंबर से 15,000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले मार्ग पर ट्रेकिंग को प्रतिबंधित कर दिया है। यहां पर ट्रैकिंग के दौरान पर्वतारोहियों की मौत के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है। अब बीते कुछ साल से इन रूट्स पर बड़ी संख्या में ट्रैकर्स की मौत हो रही है। किन्नौर की सांगला वैली और रोहड़ू को जोड़ने वाले रूपिन पास और बुराँग पास से कई ट्रैकर्स ट्रेकर लापता होते रहते हैं और फिर किन्नौर प्रशासन और आईटीबीपी की रेस्क्यू टीम को मशक्क्त के बाद ट्रैकरों को खोजती है।
उपायुक्तों को लिखे पत्र में राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश मोख्ता ने कहा, ‘‘विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, अत्यधिक ऊंचाई वाले पर्वतीय मार्ग पर ट्रेकिंग कार्यक्रम के लिए उपयुक्त समय एक मई से 15 सितंबर तक होता है।’’ उपायुक्त जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष होते हैं और मोख्ता ने सभी डीसी से स्थिति की समीक्षा करने और 15 सितंबर से 15,000 फुट से ऊपर ट्रेकिंग गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया, साथ ही उन ऊंची चोटियों या दर्रों पर भी प्रतिबंध लगा दिया जहां ट्रेकिंग से संबंधित दुर्घटनाओं का इतिहास रहा है।
मोख्ता ने कहा कि इस तरह के निर्देश पिछले साल अक्टूबर में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद पहले ही दिए जा चुके थे और हाल में किन्नौर में खिमलोग दर्रे और कुल्लू में रत्नी टिब्बा में ट्रेकिंग की घटनाओं के मद्देनजर उन्हें फिर से जारी किया गया है।