हेलेना डेल्ली ने सीएए पर यूरोपीय संसद में भारत का समर्थन कर पाक को दिखाई ‘औकात’

प्रस्ताव पर बहस के दौरान सांसद हेलेना डेल्ली ने भारत के पक्ष में जोरदार बहस की।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भारत के नागरिकता कानून को लेकर यूरोपीय संघ की संसद में पाकिस्तान परस्त ताकतों द्वारा लाए गए प्रस्ताव को टाल दिया गया है। इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान सांसद हेलेना डेल्ली ने भारत के पक्ष में जोरदार बहस की। उनकी दलीलों के आगे  पाकिस्तान मूल के सदस्य शफक मोहम्मद और ब्रिटेन के जॉन होवार्थ एवं स्कॉट एंसलीकी एक न चली। संसद ने इस पर वोटिंग की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया। यूरोपीय संघ की उपाध्यक्ष और विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति के लिए संघ की उच्च प्रतिनिधि हेलेना डेल्ली ने चर्चा की शुरुआत की और भारत के साथ यूरोपीयसंघ के साथ खुले, ईमानदार और मजबूत रिश्तों के पक्ष में मुखरता से अपने विचार रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए मार्च में ब्रसेल्स आने का भी जिक्र किया। डेल्ली ने कहा कि हमारा मानना है कि यह देखना भारत के सुप्रीम कोर्ट का काम है कि कानून का अनुपालन संविधान के दायरे में हो और हमें विश्वास है कि देश में पिछले कुछ हफ्तों से जारी तनाव एवं हिंसा को कम करने के लिए न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करेगी। उन्होंने भारत के साथ एक सम्मानित लोकतंत्र और यूरोपीय संघ के मूल्यवान साथी के रूप में वार्ता जारी रखने और उसे बढ़ाने के संदेश के साथ अपनी बात पूरी की। हेलेना डेल्ली माल्टा मूल की सांसद हैं। वह यूरोपीय संघ की उपाध्यक्ष और विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति के लिए संघ की उच्च प्रतिनिधि हैं। हेलेना डेल्ली ने माल्टाविश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की है। इसके अलावा नॉटिंघम विश्वविद्यालय से राजनैतिक समाजशास्त्र में पीएचडी किया है। पढ़ाई के बाद उन्होंने माल्टा विश्वविद्यालय के ऑर्ट, इकोनॉमिक्स, मैनेजमेंट और एकाउंटेंसी डिपार्टमेंट में अध्यापन का काम भी किया। 1996 में उन्होंने अध्यापन का काम छोड़ दिया। हेलेना डेल्ली ने 1996 से 1998 में प्रधानमंत्री कार्यालय में महिला अधिकारों के लिए संसदीय सचिव का पद भी संभाला। इसी साल वह पहली बार सांसद भी चुनी गईं। इसके बाद 1998 से 2013 तक हेलेना डेल्ली सार्वजनिक प्रशासन, समानता, सार्वजनिक प्रसारण और राष्ट्रीय निवेश की उप मंत्री रहीं। 2013 से 2017 तक वह सामाजिक संवाद, उपभोक्ता मामले और नागरिक स्वतंत्रता मंत्री रहीं। हेलेना डेल्ली 2017 से 2019 तक यूरोपीय मामलों और समानता मंत्री रहीं। यूरोपीय संसद में सीएए कानून के पक्ष में फ्रांस के सदस्य थियरी मारिआनी, हेलेना डेल्ली के अलावा भारतीय मूल के दो सदस्य दिनेश धमीजा और नीना गिल ने जोरदार बहस की। उन्होंने एनआरसी को लेकर गलत जानकारी को रेखांकित करते हुए भारत के पक्ष में बात रखी। कई अन्य देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया। पाकिस्तान मूल के सदस्य शफक मोहम्मद और ब्रिटेन के जॉन होवार्थ एवं स्कॉट एंसली ने सीएए को एक बेहद भेदभावपूर्ण कानून बताते हुए आरोप लगाया कि यूरोपीय संघ ने भारत की कूटनीतिक लॉबी के सामने घुटने टेक दिए हैं और प्रस्ताव पर मतदान को स्थगित करके मानवाधिकारों की चिंताओं पर व्यापारिक एवं व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता दी है।

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