15 जनवरी: थल सेना दिवस, आज ही के दिन आजाद हुई थी आर्मी, जानिए कौन थे पहले सेना प्रमुख

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : नई दिल्ली। ये दिन है वर्दी वाले उन फरिश्तों को समर्पित जिनकी भुजाओं के दम पर राष्ट्र की शक्ति का आंकलन हम से लड़ने के झूठे सपने पालता कोई अन्य देश करता है .. ये वही वीर हैं जिनकी भुजाओं के दम पर भी चीन तक वापस लौट गया और कश्मीर के आतंकी हर दिन अपने अंजाम को पहुचायें जा रहे हैं ..परित्राणाय साधूना विनाशाय च दुष्कृताम का सिद्धांत रखने वाली हमारी भारतीय सेना का आज थल सेना दिवस है जिस दिन पूरा देश नमन कर रहा अपने रक्षको को.. ये वही हैं जिनके दम पर हम हैं. हर कठिन परिस्थिति में अपनी जान की परवाह किए बगैर देश के लिए लड़ने वाली भारतीय सेना हर साल की तरह आज सेना दिवस मना रही है।

आज के दिन सेना की कमान पहली बार पूर्ण रूप से भारत के हाथ में आई थी। आज से मुक्त होने के बाद भारतीय फौज ने ऐसे ऐसे युद्ध लड़े जो शायद ही किसी देश की सेना में हिम्मत हो..इतना ही नही सर्जिकल स्ट्राइक तक को कभी म्यंमार तो कभी पाकिस्तान में घुस कर अंजाम दिया..ये वो सैनिक हैं जो तमाम कल्याणकारी कार्यक्रम भी चलाते हैं जिसमें कश्मीर में स्वास्थ्य कैम्प या बाढ़ आदि के समय बचाव व राहत अभियान …सबने इनके देवत्व रूप को कश्मीर व असम की बाढ़ व उत्तराखंड की विभीषिका में देखा था ..ये संयम का वो प्रतीक हैं जो हाथों में हथियार होने के बाद भी खुद पर पत्थर मारने वालों को भी माफ कर देते हैं.

1949 की बात करें तो तब भारतीय थल सेना में 2 लाख सैनिक थे लेकिन अब वो 13 लाख से भी ज्यादा है। सेना दिवस के दिन भारतीय सेना के जवान सेना दिवस परेड करते हैं जिसके तहत बीएलटी टी-72, टी-90 टैंक, ब्रह्मोज मिसाइल, कैरियर मोटार्र ट्रैक्ड वैहिकिल, 155 एमएम सोलटम गन, सेना विमानन दल का उन्नत प्रकाश हेलिकॉप्टर इन सभी का प्रदर्शन किया जाता है। गौरतलब है कि सेना दिवस सामान्य रूप से नई दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति में भारत के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करके शुरू किया जाता है।

भारतीय थल सेना 15 जनवरी को सेना दिवस मनाती है। आज के दिन थल सेना अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है और प्रथम भारतीय सेनाध्यक्ष के.एम करिअप्पा के पद ग्रहण के उपलक्ष्य को बड़े धूमधाम से मनाती है। आज भारतीय सेना का थल सेना दिवस है। आज ही के दिन 1949 में भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश सेना से आजाद हो गई थी। इसके साथ ही फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। आज देश के  रक्षको की वीर  बलिदानी टोली को बारंबार नमन  कृतज्ञता व्यक्त करते हुुुए  सुुदर्शन परिवार सैनिको का यशगान सदा सदा के लिये गाते रहने का संकल्प लेता है. जय हिंद की सेना।

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