(न्यूज़लाइवनाउ-Himachal Pradesh) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांगड़ा जिले में बाढ़ और बारिश से प्रभावित लोगों के लिए 1500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की। साथ ही उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया।
हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री ने प्रदेश के हालात का आकलन किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर संवेदनाएं जताईं। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्वयंसेवी आपदा मित्रों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके साहस और समर्पण ने राहत कार्यों को गति दी है। गग्गल एयरपोर्ट पर उन्होंने उस परिवार से भी मुलाकात की, जिसकी 11 माह की बच्ची नितिका ने आपदा में अपने माता-पिता और दादी को खो दिया था।
केंद्र सरकार ने राहत पहुंचाने के लिए कई अन्य फैसले भी किए हैं। एसडीआरएफ की अगली किस्त और पीएम किसान सम्मान निधि की अग्रिम किस्त जारी होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत क्षतिग्रस्त मकानों का जियो-टैगिंग कर नुकसान का आकलन किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, किसानों के लिए अतिरिक्त सहायता, पशुधन हेतु मिनी किट्स और शिक्षा संस्थानों को समय पर मदद पहुंचाने के प्रावधान भी किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र पहले ही अंतर-मंत्रालयी टीमें हिमाचल भेज चुका है, जो नुकसान का विस्तृत मूल्यांकन कर रही हैं। रिपोर्ट आने के बाद और सहयोग दिया जाएगा। अपने एक्स पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका दर्द महसूस किया। उन्होंने कहा, “इस कठिन घड़ी में हम हिमाचल के लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं और हर संभव मदद करेंगे।”
इससे पहले पीएम मोदी ने कांगड़ा के प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण किया। गग्गल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को राहत पैकेज के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि पीएम ने हालात का बारीकी से जायजा लिया और त्वरित कदम उठाए।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि पीएम के साथ बैठक में उन्होंने करीब एक घंटे की प्रस्तुति दी और राज्य की प्रमुख मांगें रखीं। पीएम ने उन मांगों पर गंभीरता से विचार कर 1500 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत करने की घोषणा की। अब यह देखना होगा कि यह राशि विभिन्न योजनाओं में वितरित होगी या फिर एक समग्र राहत पैकेज के रूप में मिलेगी।
हिमाचल को अब तक हुआ नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 9 सितंबर तक की रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में भारी बारिश, भूस्खलन और हादसों में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है। 41 लोग लापता हैं और 426 लोग घायल हुए हैं। करीब 6,301 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 1,991 मवेशियों और 26,955 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है। अनुमान है कि अब तक राज्य को 4,080 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। बीते तीन वर्षों में मानसून से हिमाचल को कुल 17 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
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