(न्यूज़लाइवनाउ-Himachal Pradesh) हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश ने फिर से हाहाकार मचा दिया है। शिमला में 141.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से कहीं अधिक है। मंडी ज़िले में भूस्खलन की वजह से तीन लोगों की जान चली गई, जबकि एक शख्स लापता बताया जा रहा है।
भारी बारिश से राजधानी शिमला, मंडी और आसपास के क्षेत्रों में हालात बिगड़ गए। जगह-जगह भूस्खलन होने से सैकड़ों सड़कें अवरुद्ध हो गईं और बिजली सप्लाई ठप पड़ गई। मंगलवार सुबह 10 बजे तक प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 653 सड़कें बंद पड़ी थीं। साथ ही 1205 ट्रांसफार्मर व 160 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। अकेले मंडी में 313, कुल्लू में 153, शिमला में 58 और चंबा में 26 मार्ग बाधित रहे।
भूस्खलन से 3 की जान गई
मंडी के सुंदरनगर उपमंडल की निहरी तहसील के ब्रगटा गांव में देर रात पहाड़ दरकने से एक मकान दब गया। घर में मौजूद पांच में से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो को बचा लिया गया। मृतकों में तांगू देवी (33), कमला देवी (33) और आठ महीने का मासूम भीष्म सिंह शामिल हैं। सुरक्षित निकाले गए लोगों में खूब राम (65) और उनकी पत्नी दर्शन देवी (58) शामिल हैं। पुलिस ने शवों को कब्ज़े में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
धर्मपुर बाज़ार के पास बहने वाली सोन खड्ड उफान पर आ गई और रात करीब 1 बजे तबाही मचा दी। बस स्टैंड पूरी तरह जलमग्न हो गया। यहां खड़ी एचआरटीसी की कई बसें पानी में डूब गईं और कुछ बह भी गईं। निचली बस्तियां जलमग्न हो गईं, लोग ऊपरी मंज़िलों और छतों पर जाकर जान बचाने को मजबूर हुए। एक छात्रावास में 150 बच्चों ने ऊपर की मंज़िलों पर शरण ली। पुलिस और राहत दल रातभर रेस्क्यू अभियान में जुटे रहे। एक व्यक्ति अभी तक लापता है।
राजधानी शिमला में भी कई स्थानों पर पहाड़ खिसकने से हालात बेकाबू हो गए। हिमलैंड क्षेत्र में भारी मलबा गिरने से यातायात ठप पड़ गया और चार वाहन मलबे तले दब गए। बीसीएस और पांजड़ी क्षेत्र में भी गाड़ियां मलबे में फंस गईं। टुटीकंडी के बंगाली बगीचे और कृष्णानगर वार्ड में मकानों तक को खतरा उत्पन्न हो गया।
22 सितंबर तक बरसेंगे बादल
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के कई हिस्सों में 22 सितंबर तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
इस बार के मानसून सीजन में प्रदेश को अब तक 4,50,444.91 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। 20 जून से 15 सितंबर तक 409 लोगों की मौत हो चुकी है, 473 लोग घायल हुए और 41 अब भी लापता हैं। इस दौरान सड़क हादसों में 180 लोगों की जान गई। कुल 579 पक्के और 899 कच्चे मकान जमींदोज हुए हैं, जबकि हजारों घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हैं।
शिमला में रातभर लोग सहमे रहे। लगातार तीन-चार धमाकों के बाद कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद हो गई। मंगलवार सुबह आधे शहर में अंधेरा छाया रहा। जतोग, ढली और टुटू क्षेत्रों में पेड़ बिजली की तारों पर गिरने से सप्लाई बाधित रही। 33 केवी मल्याणा-बड़ागांव लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई।