वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ किया है कि अगर चीन नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर कोई सख्त कदम नहीं उठाता तो वह अकेले ही एक्शन लेने को तैयार है। ट्रम्प ने ये बयान उस वक्त दिया है जब कुछ दिन बाद चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग अमेरिका आने वाले हैं। कई मुद्दों पर होगी बातचीत…
– अगले कुछ दिनों में जिनपिंग अमेरिका आने वाले हैं। दोनों नेताओं के बीच फ्लोरिडा के मार-ए-लेगो रिजॉर्ट में कई मुद्दों मसलन नॉर्थ कोरिया, साउथ चाइना सी पर बात हो सकती है।
– ट्रम्प के मुताबिक, “हां, हमारे बीच नॉर्थ कोरिया को लेकर बातचीत होगी। चीन का नॉर्थ कोरिया पर गहरा असर है। अब ये चीन के हाथ में है कि इस मुद्दे पर वो हमारी मदद करता है या नहीं। अगर वो मदद करता है, तो बहुत अच्छा है। अगर मदद नहीं करता तो ये किसी के लिए अच्छा नहीं होगा।”
– “अमेरिका बिना किसी की मदद के नॉर्थ कोरिया के मसले को हल कर सकता है।”
‘पिछली सरकारों जैसा नहीं करूंगा’
– इस सवाल पर कि वे नॉर्थ कोरिया से कैसे निपटेंगे, ट्रम्प ने कहा, “मैं आपको ये कतई नहीं बताऊंगा कि ये कैसे होगा। जिस तरह पिछली सरकारों में बता दिया जाता था कि हम मिडल ईस्ट पर हमला करने जा रहे हैं।”
– चीन अपने पड़ोसी देशों को डिप्लोमेटिक और इकोनॉमिक सपोर्ट देने की बात कहता रहा है। हालांकि उसका दावा है कि नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन सरकार पर उसका असर काफी सीमित है।
– यूएन में अमेरिकी एम्बेसडर निक्की हेली ने कहा था कि नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर एक्शन लेने के लिए अमेरिका चीन पर दबाव डाल रहा है।
– बता दें कि नॉर्थ के मिसाइल प्रोग्राम पर बैन लगाने के लिए यूएन रेजोल्यूशन भी फेल रहे हैं। तमाम दबावों के बावजूद नॉर्थ कोरिया मिसाइल टेस्ट कर रहा है।
चीन-ट्रम्प के रिलेशन में रही है तल्खी
– यूएस प्रेसिडेंशियल कैम्पेन के दौरान ट्रम्प ने चीन पर गलत तरीके से अपना व्यापार बढ़ाने के आरोप लगाए थे और बीजिंग पर करंसी में हेरफेर करने का आरोप लगाया था।
– साउथ चाइना सी को लेकर भी दोनों देशों में तल्खी रही है। अमेरिका ने कहा था कि वहां किसी एक देश का कब्जा नहीं है। वह एक इंटरनेशनल टेरिटरी है और वहां अंतरराष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा।
– इस चीन ने कहा था कि साउथ चाइना विवाद से अमेरिका का कोई लेना-देना नहीं है।