(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): उत्तर प्रदेश विधानसभा में बेरोजगारी के मुद्दे पर अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी बहस हुई। अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी की स्थिति बहुत खराब है और सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में लाखों युवा बेरोजगार हैं और उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज किया और कहा कि राज्य सरकार बेरोजगारी के मुद्दे पर गंभीर है और इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जिनसे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार बेरोजगार युवाओं को कौशल विकास के अवसर भी प्रदान कर रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।सीएम योगी ने कहा, ‘नौकरियों में भर्ती के मामले मे कुछ लोग न्यायालय गए, वो अलग विषय है, लेकिन पिछले पांच सालों में हमने बेसिक और माध्यमिक शिक्षा में एक लाख 64 हजार भर्तियां की हैं। साथ ही उच्च शिक्षा, प्राविधिक या व्यावसायिक और संस्कृत शिक्षा के लिए भी भर्तियां हुई हैं। साथ ही शिक्षक भर्ती के लिए हम एक भर्ती आयोग का गठन करने के लिए विधेयक लेकर आए हैं।
सदन में अखिलेश यादव ने कहा, ”मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी के मामले पर काफी कुछ कहा है। मैं उनसे सिर्फ इतना जानना चाहता हूं कि साल 2017 से 2022 के बीच 15 साल की आयु वर्ग के लोगों की संख्या में कितनी बढ़ोतरी हुई। उनका भविष्य उज्ज्वल बनाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उन्हें रोजगार देने के लिये उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार क्या कर रही है। वह बेरोजगारी दर के बारे में तो बता रही है लेकिन रोजगार दर के विषय में नहीं बता रही है। उन्हें बताना चाहिये कि उनकी संख्या क्या है।”
इस पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ”मुझे अच्छा लगा कि नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता होने लगी है। यह अच्छी बात है। इसी को नियंत्रित करने के लिए हम समान कानून की बात करना चाहते हैं। समाजवादियों में कुछ तो प्रोग्रेस हुई है। अच्छा है, प्रगति के बारे मे सोचना चाहिए।”
उन्होंने कहा, ”सर्वे से सरकार के कामों के बारे में पता चलता है। बेरोजगारी दर रोजगार उपलब्ध करवाने पर ही पता चलती है। साल 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19% से अधिक थी। इस वक्त यह दर 3-4 प्रतिशत तक आ गई है। इससे पता चलता है कि लोगों को रोजगार और नौकरी मिल रही है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय को भी पता है कि सरकार के काम में पारदर्शिता और शुचिता है।