(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा कि अमेरिकी सरकार के 31.46 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट करने से दुनिया भर में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है। अमेरिकी ट्रेजरी चीफ येलेन ने कांग्रेस से 31.4 ट्रिलियन डॉलर की फेडरल कर्ज सीमा बढ़ाने और एक अभूतपूर्व डिफॉल्ट को टालने की अपील की। येलेन ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हो सका तब दुनिया भर में आर्थिक मंदी का खतरा तो होगा ही अमेरिकी की दुनिया भर में इकोनॉमिक लीडरशिप भी कमजोर होने का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन कह चुकी हैं कि अमेरिकी सरकार को कर्ज चुकाने में बड़ी दिक्कतें पेश आ सकती हैं। ऐसे में दुनियाभर में आर्थिक संकट पैदा हो सकता है। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि यदि आज अमेरिका अपनी पूरी अर्थव्यवस्था बेच भी दे तो सारा कर्ज नहीं चुका पाएगा। इसी बीच व्हाइट हाउस और सदन में रिपब्लिकन सदस्यों के बीच ऋण सीमा की बातचीत अमेरिकी कैपिटल में दोबारा शुरू हुई।
अमेरिकी सरकार अपनी देनदारियों में चूक न करे, इसके लिए बातचीत का सकारात्मक नतीजा निकलना जरूरी है। राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार सदन के स्पीकर केविन मैक्कार्थी की अगुवाई वाले रिपब्लिकन दल के साथ एक समझौते के करीब है। देश के बिलों का भुगतान जारी रखने के लिए उधार सीमा को एक जून तक बढ़ाना जरूरी है, जो इस समय 31,000 अरब अमेरिकी डॉलर है। रिपब्लिकन खर्च में भारी कटौती की मांग कर रहे हैं, जबकि डेमोक्रेट इसका विरोध कर रहे हैं। इससे पहले दिन में मैक्कार्थी ने कहा था कि बातचीत को विराम देने की जरूरत है, लेकिन बातचीत करने वाले दलों ने शाम को फिर से बैठक बुलाई। जापान में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए बाइडन पूरे मसले पर फिलहाल कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि बाइडन अभी भी आशावादी हैं, और एक समझौता किया जा सकता है।
इससे पहले अमेरिकी वित्तमंत्री येलेन ने कहा था कि इस मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी के असहयोग से संकट खड़ा हुआ है। डिफॉल्ट के खतरे से अमेरिकी सरकार की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट आ सकती है। अमेरिका कर्ज को लेकर कितना चिंतित है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में आस्ट्रेलिया में होने वाली ‘क्वाड’ समिट में हिस्सा लेने के लिए अपनी यात्रा कैंसिल कर दी। इस अहम बैठक के कैंसिल करने पर चीन ने अमेरिका का उपहास भी उड़ाया। लेकिन बाइडन को पता था कि इस कर्ज के लिए विभिन्न पार्टियों के साथ बैठक करना कितना जरूरी था।