Apple आईफोन हैकिंग मामले में 150 देशों में दिया गया अलर्ट, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव बोले, ‘आरोपों की जांच के लिए आदेश दिए गए हैं’

न्यूज़लाइवनाउ – एपल आईफोन हैकिंग के विपक्ष के दावों को केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर को सिरे से खारिज कर दिया. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विन वैष्णव ने साथ ही कहा कि आरोपों की जांच के लिए आदेश दिए गए हैं.

एपल हैकिंग मामले पर केंद्र सरकार ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को जांच के आदेश देते हुए कहा कि कुछ लोग देश की प्रगति को देखना नहीं चाहते.

अश्विन वैष्णव ने कहा कि कुछ साथियों ने Apple अलर्ट के बारे में संदेश दिए हैं, ऐसे में हम मामले की तह तक जाएंगे. उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर कहा, ”कुछ हमारे आलोचक हैं जो झूठे आरोप हमेशा लगाते रहते हैं. ये देश की प्रगति नहीं चाहते. एपल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है. एपल ने अनुमान के आधार पर मैसेज भेजा है. एपल ने अपना स्पष्टीकरण जारी कर दिया है.”

दो बच्चों का फोन हैक हुआ

वैष्णव ने कहा कि इनकी (विपक्षी दलों) आदत है कि जब भी कोई अहम मुद्दा नहीं होता तो कहते हैं कि निगरानी हुई है. इन्होंने ये आरोप कुछ साल पहले भी लगाने की कोशिश की थी. इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई, लेकिन कुछ नहीं निकला. प्रियंका गांधी ने भी दावा किया था कि उनके दो बच्चों का फोन हैक हुआ था, लेकिन कुछ नहीं हुआ.”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की महुआ मोइत्रा और आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा समेत विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को दावा किया कि उन्हें एपल से एक चेतावनी मिली है. इसी के साथ विपक्षी नेताओं ने सरकार पर जासूसी के आरोप लगाए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जब भी अडानी से जुड़ा मामला उठाया जाता है तो एजेंसियों को जासूसी में लगा दिया जाता है. उन्होंने कहा, ”नरेंद्र मोदी की आत्मा अडानी में है, तोता कहीं बैठा है, राजा कहीं और बैठा हुआ है. हकीकत यह है कि सत्ता अडानी जी के हाथ में हैं.”

आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश

इसमें कहा गया है कि ”सरकार प्रायोजित हमलावर कहीं दूर से उनके आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं. ये हमलावर संभवतः आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, इसके कारण आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं.”

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हैकिंग के दावों पर एपल ने कहा, ”इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते कि किस वजह से खतरे की चेतावनी दी जाती है क्योंकि इससे राज्य प्रायोजित हमलावरों को बचने में मदद मिल सकती है. खतरे की चेतावनी के लिए किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते.”

कंपनी ने कहा, ”हमलावर आर्थिक व तकनीकी रूप से प्रभावशाली हैं, अकसर हमलों का पूर्ण तरीके से पता नहीं लग पाता है.”

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