NLN – Politics: अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा ने बीजेपी को भी अपनी रणनीति पर नए सिरे से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। अभी तक बीजेपी लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को घेरकर उनके इस्तीफे की मांग करती आ रही थी। हाल ही में बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति से मिलकर दिल्ली विधानसभा को भंग करने की मांग भी की थी। अब जिस तरह इस्तीफा देकर केजरीवाल ने सरकार के बाहर रहने और विधानसभा भंग करने के बजाय नया सीएम बनाने का फैसला किया है, उसके बाद से बीजेपी भी केजरीवाल के इस नए दांव की इसकी काट ढूंढने में लगी है।
अरविन्द केजरीवाल ने भाजपा के इस आरोप का जवाब दिया है कि वह कुर्सी नहीं छोड़ना चाहते हैं। वहीं जनता में भी संदेश दे दिया है वह कुर्सी से उन्हें बहुत लगाव नहीं है। केजरीवाल ने यह दांव खेलकर हमलावर हो चुके विपक्षियों का मुंह बंद करने की कोशिश की है। इस घोषणा के साथ उन्होंने अपनी कट्टर ईमानदार की छवि को मजबूत करने का प्रयास किया है।
आप इसका लाभ हरियाणा और दिल्ली विधानसभा चुनाव में उठाने की कोशिश करेगी। पहली बार कांग्रेस के साथ मिलकर 48 दिनों की सरकार बनाने के बाद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद अगले विधानसभा चुनाव में आप को 70 में से 67 सीटें मिली थी। इसे भले ही आम आदमी पार्टी नहीं मानें मगर जेल जाने से केजरीवाल की छवि पर असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री पद के लिए आम आदमी पार्टी सुनीता केजरीवाल या आतिशी पर दांव लगा सकती है। इसके अलावा इस पद के लिए चौंकाने वाला कोई नया नाम भी आ सकता है। बहरहाल आप इस मामले में दो दिन बाद अपने पत्ते खोलेगी। केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि, “मैं मुख्यमंत्री पद पर नहीं बैठूंगा। मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। पार्टी का कोई और नेता सीएम पद संभालेगा। हालांकि इसका फैसला दो दिन बाद होने वाली विधायक दल की बैठक में होगा।
केजरीवाल का मतलब आम आदमी पार्टी से है, केजरीवाल को खुद एक पार्टी के रूप में देखा जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो आम आदमी पार्टी की छवि ही केजरीवाल से है। विपक्षी दलों की साजिश बताकर आप के नेता यह बात पिछले एक साल से हर मंच पर कह रहे हैं कि केजरीवाल की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
रविवार को केजरीवाल ने पार्टी कार्यालय में आयोजित जिस कार्यक्रम में दो दिन में सीएम पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में अपनी छवि पर उठाए जा रहे सवालों का भी जिक्र किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें भाजपा द्वारा चोर कहा जा रहा है। यह सब ऐसे मुद्दे हैं जो इन्हें अहसास करा रहे थे कि भाजपा द्वारा उनके खिलाफ आक्रामक तरीके से चलाए जा रहे अभियान से कहीं न कहीं उन्हें नुकसान हो रहा है।
इससे पहले उन्होंने अपने बारे में भी लोगों को बताया कि वह दिल्ली की जनता के लिए काम इसलिए करा सके क्योंकि वह ईमानदार थे। उन्होंने स्कूल अच्छे किए हैं, अस्पताल अच्छे किए हैं, बिजली-पानी फ्री दे रहे है, महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा दे रहे हैं। यह सब इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार ईमानदार सरकार है। यहां गौरतलब है कि यह सब बताने के पीछे जनता को यह फिर से याद दिलाना था कि वह ईमानदार हैं और ईमानदारी से काम कर रहे हैं।