(न्यूज़लाइवनाउ-Australia) ऑस्ट्रेलियाई स्पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर ट्रेलब्लेजर कार्यक्रम के तहत रोवर बनाएगी जो चंद्रमा और मंगल के लिए कार्यक्रम बनाया गया है.
ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी ने भी चंद्रमा पर अपना रोवर भेजने का फैसला किया है. यह रोवर नासा के सहयोग से आर्टिमिस अभियान के तहत चंद्रमा की सतह पर जा कर वहां की मिट्टी के नमूने जमा करने का काम करेगा.
इसके साल 2026 तक चंद्रमा की सतह पर पहुंचाने की योजना है. बताया जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा.
ऑस्ट्रेलिया का रोवर विशेष तरह का रोबोट होगा
ऑस्ट्रेलिया के पहले रोवर, जो एक विशेष तरह का रोबोट होगा, का अभी तक नाम तय नहीं हुआ है और ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी ने इसके नामकरण के लिए लोगों से मदद मांगी है. इसके लिए एजेंसी ने एक बाकायदा प्रतियोगिता रखी है जिसमें ऑस्ट्रेलिया के तमाम नागरिक भाग ले सकते हैं. इसके लिए 20 अक्टूबर तक एंट्री भेजी जा सकती हैं. इसके विजेता का ऐलान दिसंबर में होगा.
ऐसा लगता है कि भारत के चंद्रयान-3 की सफलता ने दुनिया को बहुत प्रोत्साहित कर दिया है. पिछले महीने ही इसरो के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत को ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बनाया है. अब जापान
ने अपने छोटे रोवर को चंद्रमा पर भेज दिया है और वह इस सूची में पांचवा देश बनने का प्रयास करेगा. अब इस कड़ी में ऑस्ट्रेलिया की स्पेस एजेंसी ने भी इस सूची जुड़ने का फैसला कर लिया है. स्पेस एजेंसी अब खुद का एक रोवर तैयार कर चंद्रमा पर भेजेगी और इसमें उसे नासा का भी सहयोग मिलेगा.
आर्टिमिस अभियान का सबसे प्रमुख चरण साल 2026 को चंद्रमा पर भेजा जाएगा
चंद्रमा से ऑक्सीजन निकालने की क्षमता का विकास करना चंद्रमा पर लंबे समय के लिए मानवों की उपस्थिति के लिए बहुत ही अहम प्रयोग है. इस रोवर को नासा के भावी आर्टिमिस अभियानों के लिए बहुत अहम होगा. आर्टिमिस अभियान का सबसे प्रमुख चरण साल 2026 को चंद्रमा पर भेजा जाएगा. माना जा रहा हैकि यह अभियान ऑस्ट्रेलिया के अंतरिक्ष उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
ऑस्ट्रेलियाई स्पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर ट्रेलब्लेजर कार्यक्रम के तहत रोवर बनाएगी जो चंद्रमा और मंगल के लिए कार्यक्रम बनाया गया है. रोवर में ऑस्ट्रेलिया के रिमोट ऑपरेशन विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा जिसमें चंद्रमा की मिट्टी के नमूने जमा कर उनसे ऑक्सीजन निकलने के प्रयोग किए जाएंगे.