सपा नेता को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत, कैद की सजा खारिज, जानिये पूरा मामला

रामपुर की एक विशेष अदालत ने निचली अदालत द्वारा दी गयी तीन साल कैद की सजा को खारिज कर दिया। कोर्ट ने उनको नफरती भाषण देने के आरोप से बरी कर दिया है। इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर, 2022 को आजम खां को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां को 2019 में नफरती भाषण देने के मामले में एक बड़ी राहत देते हुए रामपुर की एक विशेष अदालत ने निचली अदालत द्वारा दी गयी तीन साल कैद की सजा को खारिज कर दिया। कोर्ट ने उनको नफरती भाषण देने के आरोप से बरी कर दिया है। इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर, 2022 को आजम खां को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। विशेष एमपी-एमएलए/सत्र न्‍यायाधीश (द्वितीय) अमित वीर सिंह की अदालत के फैसले के बारे में न्यूज़ एजेंसी भाषा को बताते हुए, आजम खां के वकील विनोद शर्मा ने कहा, “निचली अदालत के खिलाफ हमने अपील दाखिल की थी। आज फैसला हमारे पक्ष में आया है। अदालत ने कहा है कि नफरती भाषण मामले में निचली अदालत का फैसला गलत था. हमें उन सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया गया। ”

इस सजा के खिलाफ आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट ट्रायल की कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों का उल्लेख किया गया है। सेशन कोर्ट के फैसले से आजम खां को बड़ी राहत मिली है, लेकिन उनकी विधायकी बहाल होने पर अभी संदेह है। क्योंकि छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी चली गई थी।

#UttarPradesh#yogiadityanathCM Yogipolitics