CBI से हताश महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख अब जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण मे,

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ):  महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग के एक मामले में जमानत की मांग करते हुए बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की शरण मे पहुच गए है। जिसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है।

सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा पिछले हफ्ते उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद देशमुख (73) ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। राकांपा नेता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा पिछले हफ्ते उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद देशमुख (73) ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

राकांपा नेता फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं।

उनके वकील अनिकेत निकम ने बुधवार को न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की अवकाश पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की। अदालत ने सीबीआई को नौ नवंबर तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। और मामले की सुनवाई  की 11 नवंबर की तारीख तय की है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से राकांपा नेता पिछले साल नवंबर से जेल में हैं। सीबीआई ने उन्हें इस साल अप्रैल में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था।

हाई कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में ईडी द्वारा दर्ज मामले में देशमुख को जमानत दी थी। हालांकि, विशेष सीबीआई अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, यह देखते हुए कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत थे।

देशमुख ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में कहा कि वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं और लगभग एक साल से जेल में बंद हैं और मामले में मुकदमा जल्द शुरू नहीं हो सकता है।

याचिका में दावा किया गया है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए मामले में दायर सीबीआई के आरोपपत्र को सिर्फ ‘कट, कॉपी और पेस्ट’ किया है।

मार्च 2021 में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख, जो उस समय राज्य के गृह मंत्री थे, ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई में रेस्तरां और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य दिया था।

Comments (0)
Add Comment