(न्यूज़लाइवनाउ -Delhi) दिल्ली में 25 करोड़ रुपये की ज्वैलरी चोरी के सनसनीखेज मामले में पुलिस को सफलता हाथ लगी है. दिल्ली में 25 करोड़ की ज्वेलरी चोरी के मामले में पुलिस ने छत्तीसगढ़ से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी लोकेश श्रीवास्तव भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है.
पुलिस ने शुक्रवार (29 सितंबर) को मामले में छत्तीसगढ़ से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें मुख्य आरोपी लोकेश श्रीवास भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. दो अन्य आरोपियों में शिवा चंद्रवंशी और एक अज्ञात व्यक्ति शामिल है.पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से काफी मात्रा में सोना बरामद किया गया है और यह गिरोह छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में भी ऐसी वारदातें अंजाम दे चुका है. पुलिस ने इन आरोपियों को दिल्ली के निजामुद्दीन पुलिस थाने के अंतर्गत उमराव सिंह ज्वेलर्स से हुई 25 करोड़ की चोरी के मामले में पकड़ा है.
पुलिस ने इस वारदात को लेकर कई खुलासे किए हैं. पुलिस के बताया कि मुख्य आरोपी लोकेश श्रीवास छत्तीसगढ़ का रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक, 25 सितंबर को चोरी का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए कई टीमों का गठन किया गया.
आरोपी की पहचान CCTV द्वारा
पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए, जिससे पता चला कि 24 सितंबर की रात एक संदिग्ध ने बैकपैक के साथ बगल की इमारत से वहां प्रवेश किया था. पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान 28 सितंबर को छत्तीसगढ़ पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर मामले में मुख्य संदिग्ध के रूप में लोकेश श्रीवास नामक व्यक्ति की पहचान हुई. आरोपी की तस्वीर जुटाई गई. आरोपी की तस्वीर उस संदिग्ध से मेल खा गई जिसे 24 सितंबर को बगल वाली इमारत प्रवेश करते और 25 सितंबर की शाम बाहर निकलते हुए देखा गया.
मुख्य आरोपी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के कबीर धाम का रहने वाला है, इसलिए यह पता लगाया गया कि उसने साधन (ट्रांसपोर्ट) का इस्तेमाल किया. टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पता चला कि आरोपी ने 25 सितंबर को रात 9 बजे दिल्ली से सागर जाने वाली बस बुक की थी. पुलिस की एक टीम तुरंत कश्मीरी गेट आईएसबीटी पहुंची और संदिग्ध को छत्तीसगढ़ के भिलाई में ट्रैक किया गया. 28 सितंबर की रात करीब साढ़े आठ बजे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की एक टीएम रायपुर पहुंची, जिनके साथ रायपुर और दुर्ग पुलिस के अधिकारी भी शामिल हो गए.
उसी दौरान बिलासपुर पुलिस थाने के अधिकारी 28 सितंबर की सुबह कबीर धार में लोकेश श्रीवास के ठिकाने पर पहुंचे थे, जहां से वह भागने में सफल रहा, हालांकि उसका सहयोगी शिवा पुलिस के हत्थे चढ़ गया. 28 सितंबर की ही शाम करीब सात बजे शिवा बिलासपुर पुलिस को भिलाई के स्मृति नगर स्थित लोकेश श्रीवास के ठिकाने पर ले गया.
रात 11 बजे दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. आखिरकार 29 सितंबर को सुबह करीब पौने छह बजे लोकेश श्रीवास दिखाई दिया. दिल्ली और बिलासपुर पुलिस ने उसका पीछा किया और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक, आगे की कार्रवाई चल रही है.