(न्यूज़लाइवनाउ-Uttarakhand) उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार देर रात बादल फटने से भीषण आपदा आ गई। अचानक आए जलसैलाब और मलबे ने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया।
तहसील कार्यालय परिसर, एसडीएम आवास और आसपास की बस्तियां मलबे से भर गईं, जिससे हालात बेहद खौफनाक हो गए।
आधी रात के बाद थराली और उसके आसपास के गांवों में बादल फटने की घटना से दुकानों और मकानों में पानी व मलबा घुस गया। थराली नगर पंचायत क्षेत्र के कोटड़ीप इलाके में कई घर, दुकानें और वाहन मलबे में दब गए।
तहसील मुख्यालय राड़ीबगड़ तक मलबे का ढेर पहुंच गया और उपजिलाधिकारी का आवास भी प्रभावित हुआ। नगर पंचायत अध्यक्ष का निवास और आसपास की बस्तियां भी बुरी तरह प्रभावित हुईं। तेज बारिश और सैलाब से दहशत में आए लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर भागे।
प्रमुख क्षति और हालात
थराली बाजार, तहसील परिसर और कोटड़ीप प्रभावितशुक्रवार रात के बाद से ही थराली कस्बे में एसडीएम आवास व तहसील परिसर भारी मलबे से ढक गए। परिसर में खड़ी कई गाड़ियां दब गईं। सड़कों का हाल ऐसा था मानो पानी से भरे तालाब हों।
समीपवर्ती सागवाड़ा गांव में एक युवती मलबे में दबकर जान गंवा बैठी। इस हादसे के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोग घर छोड़कर बाहर निकल आए। राहत कार्यों में पुलिस व प्रशासनिक टीमें जुटी हुई हैं।
चेपड़ों बाजार की कुछ दुकानें मलबे से बुरी तरह तहस-नहस हो गईं। वहीं एक व्यक्ति के लापता होने की खबर से स्थिति और गंभीर हो गई है।
सड़कें बंद, यातायात बाधित
थराली–ग्वालदम मार्ग मिंग्गदेरा के पास मलबे और लगातार बारिश के कारण बंद हो गया है। थराली–सागवाड़ा मार्ग पर भी मलबा जमने से आवाजाही पूरी तरह रुक गई।
गौचर से SDRF की टीम मौके की ओर रवाना हो चुकी है। जिला प्रशासन लगातार राहत कार्यों को गति देने में लगा है। वहीं BRO मिंग्गदेरा के पास सड़क को खोलने में जुटा है ताकि यातायात बहाल हो सके।
एहतियातन थराली तहसील क्षेत्र के सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शनिवार (23 अगस्त 2025) के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया है।डीएम डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि पुलिस और प्रशासन मौके पर मौजूद हैं और हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी चमोली जिले के सोल घाटी और केरा गांव में भारी बारिश और बादल फटने से मकान, दुकानें और गौशालाएं मलबे में समा गई थीं।