(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 समिट में 9 सूत्रीय एजेंडे का सुझाव दिया। सम्मलेन के दूसरे दिन शनिवार को मोदी ने कहा कि आर्थिक अपराधियों की पहचान, प्रत्यर्पण और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए सर्वसम्मत प्रक्रिया होनी चाहिए। इस मुद्दे पर जी-20 देशों के बीच मजबूत और सक्रिय सहयोग की जरूरत है।
जी-20 देशों को भारत के 9 सुझाव
- भगोड़े आर्थिक अपराधियों से संयुक्त रूप से निपटने के लिए जी-20 देशों के बीच प्रभावी और सक्रिय सहयोग प्रक्रिया होनी चाहिए।
- ऐसे अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और जल्द प्रत्यर्पण के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग होना चाहिए।
- जी-20 देशों को ऐसा मैकेनिज्म बनाना चाहिए जिससे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की एक-दूसरे के देश में एंट्री रोकी जा सके और कोई देश उनके लिए सुरक्षित पनाहगाह ना बन पाए।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत प्रभावी तरीके से लागू होने चाहिए।
- फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के जरिए ऐसा सिस्टम तैयार होना चाहिए जिससे संबंधित संस्थाओं और फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट के बीच सही समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके।
- एफएटीएफ को भगोड़े आर्थिक अपराधियों की परिभाषा तय करने की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
- भगोड़े आर्थिक अपराधियों की पहचान, प्रत्यर्पण और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एफएटीएफ को ऐसे मानक बनाने चाहिए जिन पर सभी जी-20 देश सहमत हों।
- प्रत्यर्पण और कानूनी मदद के मौजूदा नियमों में कमियों और सफल प्रत्यर्पण के मामलों के अनुभव एक-दूसरे से साझा करने के लिए कॉमन प्लेटफॉर्म होना चाहिए।
- जी-20 फोरम को भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति का पता लगाने के लिए प्रयास शुरू करने पर विचार करना चाहिए। ताकि, अपराधियों से बकाया कर्ज की वसूली की जा सके।