G20 Summit के पहले दिन में New Delhi डिक्लेरेशन में 9 बार आतंकवाद, 4 बार यूक्रेन जंग का जिक्र किया गया है

G20 Summit के पहले दिन में New Delhi डिक्लेरेशन में 9 बार आतंकवाद, 4 बार यूक्रेन जंग का जिक्र किया गया है

(न्यूज़लाइवनाउ -New Delhi) G20 Summit में 9 बार आतंकवाद, 4 बार यूक्रेन जंग का जिक्र; भारत के प्रस्ताव पर G20 देशों की मुहर, 37 पन्नों का लीडर्स डिक्लेरेशन जारी किया गया है.

युद्धों एवं संघर्ष का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है

G20 नेताओं के इस संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है, ‘हम गहरी चिंता के साथ कह रहे कि अत्यधिक मानवीय पीड़ा हुई है और युद्धों एवं संघर्ष का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. हमने यूएनएससी और यूएनजीए में अपनाए गए देश के रुख और प्रस्तावों को दोहराया है.’ इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या धमकी देना अस्वीकार्य है.’

G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के पहले दिन सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से पारित नई दिल्ली डिक्लेरेशन (घोषणापत्र) में 9 बार आतंकवाद, 4 बार यूक्रेन जंग का जिक्र किया गया है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच इस घोषणापत्र को मिली स्वीकृति भारत की जी20 अध्यक्षता में मिली एक महत्वपूर्ण कामयाबी है.

भारत की अध्यक्षता में हो रहे G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के पहले दिन सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से नई दिल्ली G20 डिक्लेरेशन को स्वीकार कर लिया है. इस नई दिल्ली डिक्लेरेशन (घोषणापत्र) में 9 बार आतंकवाद, 4 बार यूक्रेन जंग का जिक्र किया गया है. 

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच इस घोषणापत्र को मिली स्वीकृति भारत की जी20 अध्यक्षता में मिली एक महत्वपूर्ण कामयाबी है.जी-20 नेताओं के इस संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है. इसके साथ ही जी20 नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की. जी20 नेताओं ने माना कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति, सुरक्षा के लिए अधिक गंभीर खतरों में से एक है. इस घोषणापत्र में आतंकवाद को लेकर कहा गया कि, ‘किसी भी जगह, किसी भी रूप में, किसी भी तरह के आतंकवादी कृत्य को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता.’

जी20 घोषणापत्र में आपूर्ति शृंखला, वृहद-वित्तीय स्थिरता, मुद्रास्फीति और विकास पर यूक्रेन संघर्ष के नकारात्मक प्रभाव का जिक्र है. यह मानते हुए कि जी20 भू-राजनीतिक मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है, इस घोषणापत्र में स्वीकार किया गया है कि इन मुद्दों का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है. इस जी20 घोषणापत्र में कहा गया, ‘हमने मानवीय पीड़ा, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के संबंध में यूक्रेन में युद्ध के नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला.

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