हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 07 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है। इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि अदालत का आदेश उचित नहीं है और कहा कि वे इस मामले में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों की टीम अदालत के फैसले के बारे में विस्तार से बताएगी और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वाराणसी की जिला अदालत के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद यूपी सरकार में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि न्यायालय ने बहुत अच्छा निर्णय दिया है। निर्णय लोगों की भावनाओं के अनुरूप है इसीलिए प्रदेशभर में खुशी की लहर है। याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा, यह हिंदू पक्ष की जीत है। यह ज्ञानवापी मंदिर की आधारशिला है। लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.