भारतीय सेना को मिलेगा Jetpack System, अब भारत का हर जवान फाइटर प्लेन की तरह करेगा काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना को मजबूत बनाने के लिए हर दिशा में लगातार काम कर रहे है। फिलहाल भारत की गणना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर आर्मी में होती है। पिछले 8 वर्षों से पीएम मोदी सेना को आत्मनिर्भर बनाने से लेकर अत्याधुनिक हथियारों से लैस करते जा रहे हैं।
भारतीय सेना को मिलेगा Jetpack System, अब भारत का हर जवान फाइटर प्लेन की तरह करेगा काम

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना को मजबूत बनाने के लिए हर दिशा में लगातार काम कर रहे है। पिछले 8 वर्षों से पीएम मोदी सेना को आत्मनिर्भर बनाने से लेकर अत्याधुनिक हथियारों से लैस करते जा रहे हैं।फिलहाल भारत की गणना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर आर्मी में होती है। इसी कड़ी में देश के रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों के लिए 48 जेटपैक सूट खरीदने का टेंडर जारी किया है। इसे पहनने के बाद सेना के जवान हवा में फाइटर प्लेन की तरह उड़कर दुश्मनों को ढेर कर सकेंगे। इस सूट में जेट इंजन लगा है। हालांकि इसकी स्पीड 50 किमी/घंटा होगी। आगरा में इंडियन आर्मी एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल (एएटीएस) में ब्रिटिश कंपनी ग्रेविटी इंडस्ट्रीज के संस्थापक रिचर्ड ब्राउनिंग ने सेना के सामने इस सूट को पहनकर डेमो करके भी दिखाया। उन्हें मंजिलों और खेतों के ऊपर उड़ते देखा गया।

ब्रिटिश कंपनी ग्रेविटी इंडस्ट्रीज से इसका करार लगभग तय हो चुका है। इस कंपनी ने ही जेटपैक जैकेट को बनाया है। इस जेट पैक सूट का सबसे बड़ा फायदा यह भी होगा कि यदि सीमा पर जवान किसी विशेष परिस्थिति में दुश्मनों से घिर जाता है या फिर वह घायल हो जाता है तो उड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकता है। साथ ही हवा में उड़कर ही दुश्मनों को गोलियों से मिनटों में छलनी कर सकता है। भारतीय सेना को चीन और पाकिस्तान बॉर्डर की संवेदनशीलता को देखते हुए दुरूह क्षेत्रों में रोबोट के साथ जेटपैक सूट की भी जरूरत महसूस हो रही है। ताकि भारतीय सेना के जवान जरूरत पड़ने पर घुसपैठियों को हवा में उड़कर ढेर कर सकें और वापस अपने क्षेत्र में आ सकें। आरंभिक तौर पर 48 जेटपैक सिस्टम का ऑर्डर किया गया है। जवानों को प्रशिक्षण किए जाने और इसका ट्रायल सफल रहने पर और अधिक संख्या में जेटपैक सूट भारतीय सैनिकों की सुरक्षा के लिए मंगाए जांएगे। इस जेटपैक सूट के आने से अब भारत और चीन की सीमा पर डटे जवानों की शहादत की संख्या में भी कमी आएगी यानि दुश्मन आसानी से भारतीय जवान को निशाना नहीं बना पाएंगे। दुश्मन की गोलियों से बचने के लिए भी जवान हवा में उड़ सकेंगे और फिर इच्छा के मुताबिक किसी सुरक्षित ठिकाने पर नीचे उतर सकेंगे। इस दौरान वह हवा में उड़ते-उड़ते ही दुश्मन की गोली का जवाब भी दे सकेंगे। इससे दुश्मन समझ भी नहीं पाएगा कि गोली किधर से आ रही है।

MODInewslivenowpoliceterrorism
Comments (0)
Add Comment