Israel की आयरन डोम टेक्नोलॉजी क्यों हुई फेल? क्या है आयरन डोम रक्षा प्रणाली?

(न्यूज़लाइवनाउ -Israel) Israel की आयरन डोम प्रणाली दुनिया की सबसे अच्छी वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है. हमास द्वारा दागी जा रही मिसाइल्स को इस टेक्नोलॉजी की मदद से ध्वस्त किया जा रहा है.

Israel पर हमास के आतंकियों द्वारा हमला किया जा रहा है और अब तक सैकड़ो लोग इसमें मारे और घायल हो चुके हैं. पहले तो केवल गोलियों से आतंकी लोगों को निशाना बना रहे थे लेकिन अब रॉकेट के द्वारा इजराइल के अलग-अलग भाग को निशाना बनाया जा रहा है. बीते शनिवार को हमास नियंत्रित गाजा पट्टी से इजरायल की ओर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे गए.

हालांकि Israel ने इसका मुंह तोड़ जवाब देने की कोशिश की और अपनी आयरन डोम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया. लेकिन इसमें सेना पूर्ण रूप से कामयाब साबित नहीं हुई. बता दें, इजरायल की आयरन डोम टेक्नोलॉजी दुनिया की सबसे अच्छी वायु रक्षा प्रणालियों में से एक और इसी वजह से इजरायल उग्रवादियों की घुसपैठ से बेफिक्र रहता है.

2011 से ये टेक्नोलॉजी Israel की रक्षा कर रही है

आयरन डोम टेक्नोलॉजी को इजरायल ने 2006 के बाद विकसित किया था. दरअसल, 2006 के लेबनान संघर्ष के दौरान हिज्बुल्लाह द्वारा हजारों रॉकेट इजरायल के उत्तरी क्षेत्र में दागे गए थे और इसके कारण सैकड़ो लोगों की मौत हुई थी. इसी के बाद इजरायल ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली को डेवलप किया और फिर आयरन डोम टेक्नोलॉजी उभर कर आई. 2011 से ये टेक्नोलॉजी इजरायल की रक्षा कर रही है.

एकदम सरल शब्दों में आपको बताएं तो आयरन डोम टेक्नोलॉजी जमीन से हवा में मार करने वाला एक एयर डिफेंस सिस्टम है. ये सिस्टम कम दूरी के टारगेट को पहले ही भांप लेता है और उसे सेकंड में ध्वस्त कर देता है. आयरन डोम सिस्टम रॉकेट हमले, मोर्टार और टॉप के गोले आदि कई हमलों को भाप सकता है और इसे इजराइल ने देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया है.

ये सिस्टम इजरायल की सीमा के लगभग 70 किलोमीटर के दायरे को कवर करता है और जैसे ही कोई खतरा इस दायरे में आता है तो ये सिस्टम खुद-ब-खुद एक्टिवेट हो जाता है और मिसाइल या अन्य हमले को हवा में ही नष्ट कर देता है. यही वजह है कि पड़ोसी देश चाहकर भी इजरायल को नुकसान नहीं पहुंचा पाते. आयरन डोम टेक्नोलॉजी के तीन मुख्य कंपोनेंट है जिसमें पहला डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार, दूसरा युद्ध प्रबंधन और तीसरा हथियार नियंत्रण और 20 तामीर मिसाइल से लैस लांचर.

जब कोई रॉकेट इजरायल की तरफ दागा जाता है तो डिटेक्शन और ट्रैकिंग रडार इसका पता लगाकर जानकारी हथियार नियंत्रण प्रणाली को भेजता है और तुरंत लांचर की मदद से हवा में ही खतरे को नष्ट कर दिया जाता है. लांचर भी इजराइल के पास दो तरीकों के हैं जिसमें एक स्टेश्नरी और दूसरा मोबाइल. स्टेश्नरी एक जगह पर फिक्स्ड रहते हैं जानकी मोबाइल कहीं भी लेजाएं जा सकते हैं.

क्यों फेल हो गई टेक्नोलॉजी?

हमास की ओर से इस बार एकाएक 5,000 से अधिक रॉकेट दागे गए. इसमें भी इजरायल की आयरन डोम टेक्नोलॉजी ने जमकर वार किया लेकिन इस बार टेक्नोलॉजी उतनी कारगर साबित नहीं हुई क्योंकि हमास के आतंकियों ने इस बार सिस्टम पर ‘सॉल्व रॉकेट’ हमला किया था जो कम समय में कई लांचर को एक साथ फायर करता है. इससे आयरन डोम टेक्नोलॉजी सभी लक्ष्यों को नहीं भेद पाती और कुछ ही रॉकेट नष्ट हो पाते हैं.

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