NLN – उत्तरप्रदेश: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत कैसे हुई, इसे लेकर परिवार के लोग कई तरह के सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन, अब इसे लेकर सारी स्थितियां साफ हो गई हैं। मुख्तार की मौत को लेकर जिलाधिकारी ने पांच महीने में शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। जिसमें दावा किया गया है कि मुख्तार की मौत हार्ट अटैक से ही हुई थी। उसे खाने में जहर नहीं दिया था।
जांच रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मुख्तार के बैरक में जो चना, गुड़ और नमक मिला है उसमें जहर नहीं पाया गया है। उसकी मौत हार्ट अटैक आने से ही हुई थी, उसे किसी तरह का जहर नहीं दिया गया था। इस रिपोर्ट के आने के बाद अब माफिया की मौत को लेकर उठ रहे तमाम सवालों के जवाब मिल गए हैं। परिजनों ने जेल में उसे जहर दिए जाने का आरोप लगाया था।
मार्च की शाम को जेल की तन्हाई बैरक में उल्टी के बाद बेहोश होकर गिरे मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर कई सवाल उठाए गए थे। उनके बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाया था कि उनके पिता की मौत स्वाभाविक नहीं, बल्कि उन्हें जहर दिया गया था। इस आरोप के बाद डीएम बांदा ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए। जांच का जिम्मा एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार को सौंपा गया।
जांच के दौरान मुख्तार की बैरक में मिली उल्टी, गुड़, चने और नमक के नमूनों को विष विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ भेजा गया। इन सभी नमूनों की रिपोर्ट में कहीं भी जहर की मौजूदगी नहीं पाई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण मायोकॉर्डियल इन्फार्क्शन (हार्ट अटैक) बताया गया था, जिसे मजिस्ट्रेटी जांच में भी पुष्टि मिली। इस रिपोर्ट को डीएम बांदा को सौंपा गया है।
मुख्तार अंसारी के परिवार, विशेषकर उनके बेटे उमर अंसारी ने उनकी मौत को लेकर जहर दिए जाने की आशंका जताई थी, लेकिन प्रशासन और जांच रिपोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। मामले की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए न्यायिक और मजिस्ट्रेटी दोनों जांच कमेटियों का गठन किया गया था। जांच के बाद सामने आई रिपोर्ट ने मुख्तार की मौत को स्वाभाविक और हार्ट अटैक से हुई पुष्टि की है।