इजरायल पर हमले को जयशंकर ने बताया ‘आतंकवाद’, : जयशंकर बोले – द्विराष्ट्र सिद्धांत की जरूरत

न्यूज़लाइवनाउ – इजरायल-हमास युद्ध की पिछले साल अक्टूबर में शुरुआत होने के बाद पहली बार विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार (17 फरवरी) को कहा कि इजरायल को गाजा में हो रही नागरिकों की मौत के प्रति बहुत सचेत रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि इजरायल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने के लिए बाध्य है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमास के जरिए 7 अक्टूबर को इजरायल पर किया गया हमला ‘आतंकवाद’ है.

India on Israel-Hamas War: इजरायल और गाजा पट्टी पर शासन चलाने वाले हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर से ही युद्ध चल रहा है. इस युद्ध में 30 हजार के करीब लोगों की मौत हो चुकी है.

जर्मनी में हो रहे म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में पहुंचे जयशंकर ने कहा कि भारत कई दशकों से कहता रहा है कि फलस्तीन के मुद्दे का द्विराष्ट्र समाधान होना चाहिए. बड़ी संख्या में देशों ने इसका समर्थन करना शुरू कर दिया है. सभी मानते हैं कि पहले की तुलना में अब ये बहुत जरूरी है. विदेश मंत्री जयशंकर ने जिस वक्त ये टिप्पणी की, उस समय अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक भी मौजूद थे.

‘आतंकवाद’

विदेश मंत्री कहा कि इजरायल को नागरिकों के हताहत होने के प्रति बहुत सचेत रहना चाहिए. युद्ध को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने चार बिंदुओं में बांटते हुए इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा, ‘पहला बिंदु ये है कि हमें स्पष्ट होना चाहिए कि सात अक्टूबर को जो कुछ हुआ, वो आतंकवाद था. इसमें दो राय नहीं होनी चाहिए. इस मुद्दे पर किसी भी तरह की सफाई भी नहीं दी जानी चाहिए. ये साफ तौर पर आतंकवाद था.

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जयशंकर ने दूसरे बिंदु पर बात करते हुए कहा, ‘जैसी कि सभी जानते हैं कि इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की है. ये बहुत जरूरी है कि इजरायल को नागरिकों के हताहत होने के प्रति बहुत सावधान रहना चाहिए था. मानवीय कानून का पालन करना, उसका एक अंतरराष्ट्रीय दायित्व है.’ विदेश मंत्री ने तीसरे बिंदु का जिक्र करते हुए कहा कि गाजा में बंधक बनाए लोगों की वापसी जरूरी है. चौथा बिंदु राहत पहुंचाने के लिए मानवीय कॉरिडोर बनाने की जरूरत है.

फिलिस्तीन के मुद्दे का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत लंबे समय से द्विराष्ट्र समाधान में विश्वास करता रहा है. हम दशकों से इस बात पर कायम हैं और आज दुनियाभर के देश भी यही मानते हैं. हमें लगता है कि पहले की तुलना में आज ये बहुत ज्यादा जरूरी है. इजरायल और हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर से ही जंग चल रही है. इस युद्ध की वजह से गाजा में मानवीय संकट आ खड़ा हुआ है.

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