महाकुंभ, रथ यात्रा और RCB की विजय रैली… मनसा देवी से पहले भी इन स्थानों पर मची अफरा-तफरी

(न्यूज़लाइवनाउ-Uttarakhand) उत्तराखंड के पवित्र नगरी हरिद्वार में स्थित मनसा देवी मंदिर में रविवार (27 जुलाई 2025) को भीषण अफरा-तफरी मचने से 7 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि लगभग 36 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जिला प्रशासन का कहना है कि मंदिर में अनुमान से कहीं अधिक भीड़ इकट्ठा हो जाने के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। हालांकि, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल पहले भी उठते रहे हैं, और यह पहली बार नहीं है जब ऐसी भीड़ प्रबंधन की चूक जानलेवा साबित हुई हो।

इससे पूर्व प्रयागराज में महाकुंभ, पुरी की जगन्नाथ रथ यात्रा, दिल्ली रेलवे स्टेशन और हाल ही में बेंगलुरु में RCB की जीत की रैली के दौरान भी इसी तरह की घटनाएं देखने को मिली थीं, जिनमें दर्जनों लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए थे।

भारी भीड़ में जानलेवा हड़कंप

प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो गई थी। इस भगदड़ में कम-से-कम 30 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 60 से अधिक घायल हुए थे। यह हादसा प्रशासन के इंतजामों की पोल खोलने के लिए काफी था।

इंडियन प्रीमियर लीग में ऐतिहासिक जीत के बाद बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित विजय समारोह में फैंस की भारी भीड़ जमा हुई थी। 4 जून को हुए इस आयोजन में अचानक भीड़失 नियंत्रण हो गई, जिससे 11 लोगों की जान गई और 33 अन्य घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि स्टेडियम के अंदर और बाहर दोनों जगह काबू से बाहर भीड़ ने हालात को बिगाड़ दिया।

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के दौरान भी सुबह 4:30 बजे के करीब गहमागहमी बढ़ने से धक्का-मुक्की शुरू हो गई थी। श्रीगुंडिचा मंदिर के बाहर दर्शन के लिए जुटे श्रद्धालुओं के बीच उत्पन्न अराजकता के कारण तीन लोगों की जान गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए।

प्रयागराज महाकुंभ मेले की ओर जा रहे यात्रियों की भारी भीड़ के कारण दिल्ली के मुख्य रेलवे स्टेशन पर 16 फरवरी को अफरा-तफरी मच गई थी। इस घटना में 18 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। प्लेटफॉर्म और पुलों पर भीड़ नियंत्रण न होने की वजह से यह दुखद दुर्घटना हुई।

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