(न्यूज़लाइवनाउ-Delhi): टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा घूस लेकर (Mahua Moitra Cash Case) संसद में सवाल पूछने के मामले में बुरी तरह से घिरीं हुई हैं. उन पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से महंगे तोहफे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा है. जिसके बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ लोकसभा की एथिक्स कमेटी में शिकायत दर्ज करवाई थी. हुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोपों पर ड्राफ़्ट रिपोर्ट एडॉप्ट करने के लिए लोकसभा एथिक्स कमेटी की बैठक अब 7 की जगह 9 नवंबर को होगी.
सूत्रों के मुताबिक़ आचार समिति महुआ मोइत्रा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफ़ारिश कर सकती है. पहले खबर आई थी कि “कैश-फॉर-क्वेरी” मामले की सुनवाई कर रही संसद की एथिक्स कमेटी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट पर विचार करने और उसे एडाप्ट करने के लिए सात नवंबर को बैठक करेगी. हालांकि अब नौ नवंबर को बैठक होगी.
इसके पहले कमिटी के सदस्य दो नवंबर को पिछली मीटिंग के दौरान अपनी-अपनी पार्टी के रुख के अनुरूप बंटे दिखे थे. एथिक्स कमिटी में 15 सदस्य हैं, जिनमें बहुमत BJP का है. कमिटी मोइत्रा के आचरण पर गंभीर रुख अपना सकती है, खासकर तब जब उन्होंने पिछली बैठक में सोनकर पर उनसे तुच्छ और व्यक्तिगत सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों के साथ मीटिंग से वॉकआउट किया था. ऐसे संकेत हैं कि कमिटी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट में मोइत्रा के खिलाफ सिफारिश कर सकती है. संभावना है कि विपक्षी सदस्य असहमति व्यक्त कर सकते हैं. कमिटी अपनी रिपोर्ट में मोइत्रा के मीटिंग से वॉकआउट करने के कदम को गंभीरता से ले सकती है.
इस मामले में एथिक्स कमिटी ने पहली बैठक 2 नंवबर को की थी. पूछताछ के कुछ देर बाद महुआ मोइत्रा एथिक्स कमिटी के विपक्षी सदस्यों के साथ अचानक बैठक से बाहर चली गई थीं. उन्होंने कमिटी के अध्यक्ष पर उनसे व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया था. जबकि कमिटी अध्यक्ष विनोद सोनकर का कहना था कि महुआ जवाब देने के बजाय असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने लगीं. सोनकर ने कहा था, “कमिटी का उद्देश्य उन पर लगे आरोपों की जांच करना था. सहयोग करने के बजाय नाराज हो गईं और कमिटी के विपक्षी सदस्यों उत्तम कुमार रेड्डी, दानिश अली और गिरधारी यादव के साथ बाहर चली गईं. सवालों को अनैतिक बताते हुए उन्होंने अध्यक्ष के खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया.
उन्होंने कहा था कि वह दर्शन हीरानंदानी के आरोपों का सामना कर रही हैं, लेकिन बैठक से अचानक बाहर निकलकर और सार्वजनिक रूप से बयान देकर उन्होंने मुद्दे को भटका दिया है. सोनकर ने कहा था कि कमिटी की बैठक फिर होगी और आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. जब उनसे पूछा गया कि क्या कमिटी ने उनसे व्यक्तिगत सवाल पूछे, तो आचार कमिटी के अध्यक्ष ने कहा, “उन्होंने केवल खुद को सवालों से बचाने के लिए इस चाल का इस्तेमाल किया.
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