नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली निगम चुनाव को काफी अहमियत दी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने इस चुनाव के लिए पूरी दिल्ली में करीब 3300 बड़ी जनसभाएं की है। इस काम के लिए कई केंद्रीय मंत्रियों को प्रचार के लिए लगाया गया है।
दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रभारी श्याम जाजू ने बताया कि दिल्ली के नेताओं के साथ ही केंद्रीय मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने छोटी-बड़ी कुल 3300 चुनावी सभाओं को संबोधित किया।
नगर निगम चुनाव वास्तव में पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है। तीनों निगमों पर भाजपा का कब्जा है, ऐसे में तीनों पर पुन: जीत सुनिश्चित करना पार्टी आलाकमान के लिए बड़ी चुनौती है।
जीत बरकरार रखने के लिए भाजपा ने आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान चलाकर लोगों का समर्थन हासिल करने की कोशिश की है। चुनावी सभाएं, रोड शो से लेकर नुक्कड़ नाटक व सोशल मीडिया के माध्यम से न सिर्फ विरोधियों को घेरने की कोशिश हुई, बल्कि केंद्र सरकार व नगर निगमों की उपलब्धियां भी गिनाई गई।
उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और भोजपुरी कलाकार रवि किशन ने पूरी दिल्ली में रोडशो व चुनावी सभाएं की।
उधर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के शामिल होने से भाजपा को मजबूती मिली है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (आप) के झुग्गी झोपड़ी सेल के नेता व तीन सौ अन्य कार्यकर्ताओं के साथ ही जनता दल यूनाइटेड (जदयू) व राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के डेढ़ सौ कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा का दामन थाम। वहीं, काफी संख्या में ईसाई और मुस्लिम वर्ग के लोग भी भाजपा से जुड़े हैं।
चुनाव प्रचार कमेटी के संयोजक कुलजीत सिंह चहल ने बताया कि पार्टी ने चार चरणों में चुनाव प्रचार अभियान को आगे बढ़ाया है। पहले चरण में जहां सकारात्मक प्रचार पर जोर दिया गया, वहीं दूसरे चरण में विरोधी खेमे की नाकामियों को उजागर करने पर जोर था।
तीसरे चरण में भाजपा ने निगम व केंद्र सरकार की उपलब्धियों को प्रचारित किया गया। जबकि चौथे व अंतिम चरण में, आइये प्रधानमंत्री मोदी के सपनों की दिल्ली बनाएं थीम पर प्रचार किया किया गया।
कमेटी के सह संयोजक अशोक गोयल ने बताया कि प्रचार के लिए पारंपरिक व गैर पारंपरिक तरीके को अपनाया गया। लगभग 500 विभिन्न प्रकार के होर्डिंग्स लगाए गए हैं। एलईडी स्क्रीन लगे ई-रिक्शा से चुनाव प्रचार और एफएम पर अभियान भी प्रभावी रहा।