बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक टली, NCP में दरार के बाद विपक्षी एकता को सताया खतरा

एनसीपी में दरार के बाद विपक्षी एकता को भी खतरा सताने लगा है। पटना के बाद अब बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक भी संसद सत्र तक स्थगित कर दी गई है। विपक्षी एकता को बड़ा झटका इसलिए भी लगा है, क्योंकि इस एकता के मुख्य चेहरा माने जाने वाले शरद पवार की पार्टी की कमान पर ही अब सवालिया निशान लग गया है।गैर-भाजपा विपक्षी दलों की दूसरी बैठक आखिरकार स्थगित कर दी गई है।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बैठक का आयोजन 23 जून को किया गया था। इस मीटिंग के बाद यह फैसला लिया गया कि विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में किया जाएगा। लेकिन अब इस मीटिंग को टाल दिया गया है। एनसीपी में दरार के बाद विपक्षी एकता को भी खतरा सताने लगा है। पटना के बाद अब बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक भी संसद सत्र तक स्थगित कर दी गई है। विपक्षी एकता को बड़ा झटका इसलिए भी लगा है, क्योंकि इस एकता के मुख्य चेहरा माने जाने वाले शरद पवार की पार्टी की कमान पर ही अब सवालिया निशान लग गया है।गैर-भाजपा विपक्षी दलों की दूसरी बैठक आखिरकार स्थगित कर दी गई है।

यह बैठक 13 और 14 जुलाई को बेंगलुरु में प्रस्तावित थी। बैठक की अगली तारीख अभी तय नहीं हुई है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि उम्मीद है कि विपक्षी दलों की अगली बैठक संसद के मानसून सत्र के बाद बुलाई जाएगी।एनसीपी में आई टूट के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दिल्ली में पार्टी के सीनियर लीडर्स के साथ बैठक करने वाले हैं। इसके लिए वे आज शामिल दिल्ली पहुंचेंगे। इस मीटिंग में महाराष्ट्र के नेए नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी चर्चा होगी। विपक्षी दलों को एकसाथ रखने की चुनौती के साथ ही महाराष्ट्र में कांग्रेस को अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती है।

बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में बीते दिनों विपक्ष की मीटिंग का आयोजन किया गया था। इस मीटिंग में करीब 15 विपक्षी दलों के नेता भाग लेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान शरद पवार से लेकर ममता बनर्जी व राहुल गांधी तक ने भाजपा को हराने को लेकर हुंकार भरी थी। इस बीच महाराष्ट्र की राजनीति में हुए उठा-पटक ने सियासी गणित बदल दी है। एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट का साथ पकड़ लिया है। ऐसे में अब महाराष्ट्र में अब अजीत पवार बतौर डिप्टी सीएम काम करेंगे।

अजित पवार के इस्तीफे के बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे विपक्ष की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा। दरअसल शरद पवार को लेकर कहा जा रहा है कि पार्टी को संभाल पाने में वे असफल हो गए हैं। अजित पवार के जरिए भाजपा ने शरद पवार को हराया है। वहीं अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के बीच केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर पनपा बवाल जारी है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी के बीच का विवाद भी चल रहा है। दरअसल पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और कम्युनिष्ट पार्टी ने गठबंधन किया है।

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