पाक के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अलापा ‘कश्मीर राग‘, भारत को दे रहा गीदड़ भभकी

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘कश्मीर राग‘ अलापा है। उन्होंने पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी के पासिंग आउट परेड के दौरान भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला है। जनरल मुनीर ने कहा कि ‘पाकिस्तानी सेना कश्मीरी लोगों को समर्थन देना जारी रखेगी।‘

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान की हालत दुनिया से छिपी हुई नहीं है। खुद पाकिस्तान के पूर्व आर्मी चीफ जनरल बाजवा भी कह चुके हैं कि पाकिस्तान की फौज में इतनी ताकत नहीं है कि भारत से लड़ सके। इसी बीच पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘कश्मीर राग‘ अलापा है। उन्होंने पाकिस्तान मिलिट्री एकेडमी के पासिंग आउट परेड के दौरान भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला है। जनरल मुनीर ने कहा कि ‘पाकिस्तानी सेना कश्मीरी लोगों को समर्थन देना जारी रखेगी।‘ उन्होंने कश्मीर को दुनिया के सबसे अधिक सैन्यीकृत जगहों में से एक करार देते हुए भारत पर मानवाधिकार हनन के भी झूठे आरोप लगाए। इतना ही नहीं, जनरल मुनीर ने यहां तक कह दिया कि वह कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए मजबूती से खड़े हैं। जनरल मुनीर का यह बयान पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की संभावित भारत यात्रा के ठीक पहले आया है।

गौरतलब है कि मई के महीने में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। इससे पहले पाकिस्तान आर्मी की ओर से कश्मीर राग फिर अलापा गया है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर ने काकुल में सैन्य अकादमी में पाकिस्तान सेना के 147वें लॉन्ग कोर्स की पासिंग आउट परेड में शामिल ग्रेजुएट कैडेट्स को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के खिलाफ बयानबाजी की। इस पासिंग आउट परेड में फिलीस्तीन, बहरीन,इराक, कतर और श्रीलंका के कैडेट्स भी शामिल थे। जनरल मुनीर ने कहा कि हम अपने कश्मीरी भाइयों को राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन देना जारी रखेंगे। पाकिस्तानी सेना की कथनी और करनी में कितना अंतर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ओर तो कंगाल पाकिस्तान की ओर से कश्मीर राग अलापा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर, पूर्व पाक सैन्य जनरल जावेद बाजवा ने अपने कार्यकाल के दौरान कहा था कि पाकिस्तानी सेना के टैंकों को चलाने के लिए ईंधन नहीं है। हमारे पास भारत का मुकाबला करने लायक हथियारों की कमी है। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि पाकिस्तान की आर्मी नहीं चाहती है कि कोई पाकिस्तान और भारत सरकार के बीच बातचीत की का कोई नतीजा निकले।

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