(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में फैसला दिया था कि अगर किसी जन प्रतिनिधि जैसे विधायक या सांसद को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा दी जाती है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। सात ही कहा था कि अगर सजा के खिलाफ प्रतिनिधि ऊपरी अदालत में अपील करता है तो यह नियम लागू नहीं होगा।
मोदी के नाम पर की थी टिप्पणी
मोदी के नाम वाली कथित टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता को दोषी करार दिया गया। गुजरात में सूरत की एक अदालत ने राहुल को दोषी ठहराया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल जेल की सजा भी सुनाई। हालांकि इस मामले में राहुल गांधी को तुरंत ही जमानत मिल गई। यह मामला 2019 का है। राहुल के खिलाफ इस मामले में क्रिमिनल डिफेमेशन का केस दर्ज कराया गया थाा। केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी के विधायकऔर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने कथित टिप्पणी की थी। शिकायत के मुताबिक, राहुल गांधी ने उस चुनावी सभा में कहा था कि ‘चाहे नीरव मोदी हो, ललित मोदी हो या नरेंद्र मोदी हों, सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है।‘ यह मामला इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 499 और 500 के तहत अक्टूबर 2001 में दर्ज कराया गया था।
शुक्रवार को इस क्रिमिनल डिफेमेशन केस में चीफ ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने फाइनल बहस सुनी थी। गांधी के वकील कीर्ति पानवाला ने कोर्ट के सामने कहा था, ‘आज हम राहुल गांधी को संदेश भेजेंगे कि वह 23 मार्च को सूरत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में उपस्थित रहें। पूरी उम्मीद है कि वह अदालत में उपस्थित होंगे। शनिवार को हमें इस बारे में कन्फर्मेशन मिल जाएगी। इस मामले में राहुल गांधी सूरत कोर्ट के सामने अक्टूबर 2021 में पेश हुए थे। तब उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया था। 23 मार्च को सीजेएम ने राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई और 15000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। हालांकि राहुल गांधी की अपील पर उनकी सजा सस्पेंड कर दी गई और जमानत दे दी गई ताकि वह खुद को दोषी ठहराए जाने के फैसले को 30 दिनों के भीतर ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकें। सजा सुनाए जाते समय राहुल गांधी सूरत की सीजेएम कोर्ट में उपस्थित थे। इस मामले में राहुल गांधी पहले कह चुके हैं कि जब उन्होंने मोदी सरनेम वाला बयान दिया था, तब किसी के प्रति उनके मन में दुर्भावना नहीं थी।
कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने राहुल गांधी को कथित मोदी सरनेम वाले मामले में दोषी ठहराए जाने पर कहा कि राहुल गांधी के ‘रवैये’ का ‘खामियाजा’ कांग्रेस भुगत रही है। ‘राहुल गांधी जो भी कहते हैं, उसका नकारात्मक असर कांग्रेस पार्टी और पूरे देश पर पड़ता है।’
राहुल मामले में कांग्रेस का हल्ला बोल
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को काला दिवस मनाया। कचहरी स्थित आंबेडकर पार्क से मार्च निकाला। नारे लगाते शास्त्री घाट पहुंचे और काली पट्टी बांध कर धरना-प्रदर्शन किया। राहुल को सरकारी घर खाली करने नोटिस पर कार्यकर्ताओं ने ‘मेरा घर राहुल गांधी का घर’ मुहिम शुरु की। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सरकारी घर खाली करने की नोटिस मिलने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को ‘मेरा घर राहुल गांधी का घर’ मुहिम शुरू की है। इसकी शुरुआत प्रदेश प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने अपने चेतगंज स्थित आवास से की। उन्होंने कहा कि देश के करोड़ों कार्यकर्ताओं का घर राहुल गांधी का घर है। जिला व महानगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों पर पोस्टर चस्पा किया। यहां पूर्व सांसद डा. राजेश मिश्रा ने कहा कि अदाणी के घोटालों पर राहुल गांधी के सवालों से डर कर केंद्र सरकार ने उनकी सदस्यता रद कर दी। इस तरह की निचले स्तर की राजनीति अदाणी को बचा नहीं सकती, सरकार को जेपीसी का गठन करना ही होगा। प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि देश लूटने की इस साजिश के खिलाफ यह लड़ाई लंबी चलेगी। हम योजनाबद्ध तरीके से जनता के बीच अदाणी की लूट को उजागर करेंगे।
केंद्र सरकार को जवाब देना होगा कि अदाणी को 20 हज़ार करोड़ किसने दिया, यह सवाल अब हर चौराहे पर पूछा जाएगा। अध्यक्षता करते वरिष्ठ नेता राजेशपति त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र सरकार को यह जान लेना चाहिए कि राहुल गांधी सावरकर नहीं बन सकते और कांग्रेस झुकने वाली नहीं है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसद की सदस्यता खत्म होने के मामले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पूर्व एमएलसी राजेशपति त्रिपाठी ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, हमारा परिवार कांग्रेसी रहा है। यदि गांधी परिवार पर कोई आंच आए तो हमारा नैतिक धर्म है कि हम उनके साथ खड़े रहें। राजेशपति कांग्रेस छोड़ कर पिछले साल तृण मूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
हिमाचल में भी हुआ प्रदर्शन
CM सुक्खू ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने को राजनीतिक षड्यंत्र बताया। CM सुक्खू ने आगे कहा कि उनकी लोकप्रियता कांग्रेस पार्टी के इस विचार को जन-जन तक पहुंचाने में प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने हाल ही में कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा का प्रतिनिधित्व किया। इस यात्रा के दौरान उन्हें लोगों का भारी समर्थन मिला और इससे भाजपा घबरा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास ठीक वैसे ही है, जैसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ हुआ था। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की सदस्यता दो साल के लिए रद्द कर दी गई थी, लेकिन इसके बाद जब दोबारा उनकी वापसी हुई, तो पूरे भारत में लोगों ने भारी समर्थन के साथ कांग्रेस को सिर माथे पर बैठा लिया। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि इस प्रकार के हत्थकंडों से राजनीतिक रोटियां सेंकी जा सकती हैं, लेकिन दिलों में जगह नहीं बनाई जा सकती। राहुल गांधी दिलों में जगह बना चुके हें। राहुल गांधी के साथ कांग्रेस खड़ी है। इस मौके पर सत्ता पक्ष ने एकजुट होकर सदन के बाहर नारेबाजी भी की। केंद्र सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने नारेबाजी की।
राहुल गांधी पर मानहानि के एक मामले में कोर्ट के फैसलेे के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को हिरासत में ले लिया गया। वह नई दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ आयोजित प्रदर्शन में शामिल थीं। कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के लोकसभा सचिवालय के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।