(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): रामचरितमानस ग्रंथ को आप नहीं पढ़ते हैं कोई बात नहीं. नहीं मानते हैं कोई बात नहीं, आप सम्मान नहीं करते हैं कोई बात नहीं मगर जलाने की क्या जरूरत थी? इससे क्या साबित हो जाएगा? सोचिए जो व्यक्ति रामचरितमानस को पूजता है उसके मन पर कितनी गहरी चोट लगी होगी? रामचरितमानस ग्रंथ में कई लोगों की आस्था है, वे भक्ति करते हैं। ऐसे में उन्हें बुरा तो बहुत लगा होगा। ऐसी भी क्या राजनीति कि आप इतना नीचे गिरने पर उतारु हो जाएं।
रामचरितमानस पर पूरे देश में विवाद छिड़ा हुआ है। कई जगहों से पवित्र रामचरितमानस की प्रतियां जलाने और फाड़ने की खबरों ने लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाया है। लगातार रामचरितमानस पर बयान दिए जा रहे हैं। सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी देकर नया बखेड़ा शुरू कर दिया है। अब बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ पर छिड़े विवाद को लेकर अपना पक्ष रखा है।रामचरितमानस पर छिड़े विवाद को लेकर उन्होंने बेबाकी से कहा कि यह सब बखेड़ा हिन्दुओं को आपस में लड़ाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हर एक हिन्दू जाग जाए। जिन लोगों ने रामचरितमानस का अपमान किया है उनके बारे में खुद आपको सोचना होगा कि ऐसे लोगों से हाथ मिलाया जाए या नहीं। रामचरितमानस का अपमान करने वालों को भारत छोड़ देना चाहिए। इन लोगों को भारत में ही नहीं रहना चाहिए। रामचरितमानस का अपमान कर इन लोगों ने भारत में रहने का अधिकार खो दिया है। इनके खिलाफ सभी हिन्दुओं को एकजुट होने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की भी मांग रखी। अपनी इस मांग को लेकर कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री ने सरकार से निवेदन भी किया है। रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने पर धीरेंद्र शास्त्री ने गुस्सा व्यक्त करते हुए इन घटनाओं को ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकत सनातन धर्म के खिलाफ साजिश है। इन साजिशों को नाकाम करने के लिए सभी सनातनियों को एकजुट होना होगा।