न्यूज़लाइवनाउ – आजादी के पहले से ही RSS और उसको मानने वाले लोग भारत की शब्द का इस्तेमाल करते आ रहे क्योंकि उनको लगता है यह शब्द उनको उनकी संस्कृति और भाषा से अधिक गहराई के साथ जोड़ने का काम करता है.
केबी हेडगेवार से लेकर एम.एस. गोलवलकर के भाषणों तक, संघ ने अपनी स्थापना के बाद से ही हमेशा भारत शब्द का इस्तेमाल किया है. RSS के मुताबिक, भारत देश की पहचान का अभिन्न अंग है.
RSS को भारत से लगाव
बीते हफ्ते शनिवार (2 सितंबर 2023) को सर संघ चालक मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश के लोगों को इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया. इसके तुरंत बाद एकाएक एक्शन में आई आरएसएस की ही राजनीतिक पार्टी बीजेपी ने आनन-फानन में प्रेसिडेंट और प्राइम मिनिस्टर के नाम के बाद भारत शब्द का इस्तेमाल शुरू कर दिया.
सर संघ प्रमुख ने जब इंडिया शब्द का इस्तेमाल शुरू किया तो ऐसा नहीं था कि वह वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के मद्देनजर कोई टिप्पणी कर रहे थे. 1925 में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की स्थापना के सालों से ही आरएसएस हमेशा से इंडिया की बजाए भारत शब्द का इस्तेमाल करता है.
यानी आजादी के पहले से ही RSS और उसको मानने वाले लोग भारत की शब्द का इस्तेमाल करते आ रहे क्योंकि उनको लगता है यह शब्द उनको उनकी संस्कृति और भाषा से अधिक गहराई के साथ जोड़ने का काम करता है. यह भावना इंडिया शब्द के साथ नहीं जुड़ी हुई है.