(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): रूस का चांद अभियान लूना-25 रविवार को विफल हो गया जब यह चंद्रमा पर उतरने से पहले ही क्रैश हो गया। अभियान में शामिल रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा कि लैंडर को एक तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा और यह चंद्रमा की सतह पर नहीं उतर सका।
लूना-25 रूस का 50 साल में पहला चंद्र अभियान था। यह अभियान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला था, जो चंद्रमा का सबसे ठंडा और सबसे सूखा क्षेत्र है। अभियान का लक्ष्य चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करना और चंद्रमा के वातावरण का अध्ययन करना था।लूना-25 का क्रैश रूस के लिए एक बड़ा झटका है। यह अभियान रूस के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था और यह रूस को चांद पर अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद करने वाला था।
लूना-25 का क्रैश अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भी एक झटका है। यह अभियान अंतरिक्ष के अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था और यह हमें चंद्रमा के बारे में और जानने में मदद करने वाला था।लूना-25 का क्रैश यह याद दिलाता है कि अंतरिक्ष यात्रा अभी भी एक जोखिम भरा प्रयास है। भविष्य में और अभियानों के दौरान भी तकनीकी खराबी हो सकती है और दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
रूस के अधिकारियों का कहना है कि चांद की सतह पर उतरने के लिए निकला रूस का लूना-25 स्पेसक्रॉफ्ट नियंत्रण से बाहर होने के बाद चांद की सतह पर क्रैश हो गया है।रूस की योजना चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इस मानवरहित यान की सॉफ्ट लैंडिग कराने की थी लेकिन लैंडिंग से पहले कक्ष में खुद को स्थापित करने में आई तकनीकी दिक्कतों के बाद ये यान क्रैश हो गया। लूना-25 के क्रैश होने की ख़बरों के बीच भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन (इसरो) ने कहा है कि भारत का चंद्रयान-3 23 अगस्त की शाम को चांद पर उतरने को तैयार है।