आज 26 नवंबर को पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है. संविधान दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ने देश के नागरिकों को आश्वस्त किया कि सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मौजदूगी में चीफ जस्टिस ने अपने संबोधन के आखिर में कहा कि मैं संविधान दिवस के मौके पर भारत के नागरिको से ये कहना चाहता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के दरवाजे आपके लिए हमेशा खुले रहे हैं और आगे भी खुले रहेंगे. आपको कोर्ट आने से डरने की कभी जरूरत ही नहीं है.न्यायपालिका के प्रति आपकी आस्था हमें प्रेरित करती है.
भारतीय संविधान को 26 नवंबर को अपनाए जाने की याद में हर साल इस तारीख पर मानाया जाता है. हालांकि भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया था. केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर 2015 को घोषणा की थी कि 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इसके बाद से हर साल संविधान दिवस को इस दिन मनाया जाता है.
इस मौके पर चीफ जस्टिस ने FASTER 2.0 नाम के एक नए पोर्टल के लांच घोषणा की. इस पोर्टल के जरिये किसी भी कैदी की रिहाई का आदेश तुरंत जेल अधिकारियों, ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट तक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पहुंचेगा ताकि उस व्यक्ति की जल्द से जल्द रिहाई सुनिश्चित की जा सके.