(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): चीन ने अपने करीबी दोस्त पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और प्रतिबंध समिति ने पाकिस्तानी आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकी की लिस्ट में डाल दिया है। लंबे समय से इस पाकिस्तानी आतंकवादी का, चीन समर्थन करता आ रहा था लेकिन चाइना ने आखिरकार अपना हाथ खींच ही लिया है।
इस बार पाकिस्तान की मदद करने से चीन ने भी अपना हाथ पीछे खींच लिया। यानि चीन ने इस बार अपना वीटो पॉवर नहीं लगाया। जबकि इससे पहले चीन मक्की को ग्लोबल आतंकवादी घोषित होने से एक बार बचा चुका है। मगर भारत ने जिस प्रकार पिछले एक-दो वर्षों में चीन को आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाने पूरी दुनिया के सामने खुलकर जलील किया था, वह दबाव इस बार चीन पर साफ नजर आया। लिहाजा शी जिनपिंग चाहकर भी अपने दोस्त पाकिस्तान की मदद नहीं कर सके। भारत ने पहले ही हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। मगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ने वीटो लगाकर उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इस बार चीन बार-बार पाकिस्तान के आतंकियों को बचा रहा था। मगर इस बार ड्रैगन भी दबाव में नजर आया। लिहाजा अब्दुल रहमान मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया गया।
कौन है अब्दुल रहमान मक्की?
आतंकी हाफिज सईद का बहनोई अब्दुल रहमान मक्की है। वह लश्कर-ए-तैयबा यानि जमात-उत-दावा का पॉलिटिकल विंग कमांडर है। वह लश्कर-ए-तैयबा के अंतरराष्ट्रीय मामलों का भी प्रमुख है। यह भारत के जम्मू-कश्मीर में समेत देश के कई हिस्सों में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। आतंकियों को अपने कैंप में भर्ती करना और उन्हें ट्रेंड करने के साथ टेरर फंडिंग इसका मुख्य पेशा है। वर्ष 2000 में दिल्ली के लाल किले और 2008 में रामपुर कैंप और जम्मू-कश्मीर में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका था।