भारत का सबसे बड़ा कारोबारी पार्टनर बन गया ये पड़ोसी देश, पिछले वित्त वर्ष में इस देश को भारत का निर्यात 8.7 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया

न्यूज़लाइवनाउ – भारत से दूसरे देशों को होने वाले कारोबार को लेकर एक आंकड़ा आया है जो चौंका सकता है. यूं तो भारत और इसके पड़ोसी देश चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं और सीमा विवादों को लेकर अक्सर तनातनी होती रहती है लेकिन कारोबार के मामले में ऐसा नहीं है. भारत से जो एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का व्यापार हो रहा है उसमें सबसे आगे चीन ही खड़ा दिख रहा है.

चीन बना भारत का पार्टनर

पिछले वित्त वर्ष में इस देश को भारत का निर्यात 8.7 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया. इससे आयात-निर्यात पर असर आया है और कई क्षेत्रों में ट्रेड सरप्लस व व्यापार घाटे की स्थिति भी बदली है. बीते वित्त वर्ष (2023-24) में चीन 118.4 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है. भारत के साथ व्यापार के मामले में चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है. भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 118.3 अरब डॉलर रहा है. 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा कारोबारी पार्टनर था.

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष में चीन को भारत का निर्यात 8.7 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया. आयरन ओर, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हैंडलूम, मसाले, फल और सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम जैसे क्षेत्रों में भारत का निर्यात बढ़ा है. वहीं बीते वित्त वर्ष में पड़ोसी देश चीन से भारत का आयात 3.24 फीसदी बढ़कर 101.7 अरब डॉलर हो गया. दूसरी ओर, अमेरिका को एक्सपोर्ट 2023-24 में 1.32 फीसदी घटकर 77.5 अरब डॉलर रह गया. 2022-23 में यह 78.54 अरब डॉलर था. अमेरिका से भारत का आयात लगभग 20 फीसदी घटकर 40.8 अरब डॉलर रह गया.

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जीटीआरआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के दौरान टॉप के 15 व्यापारिक भागीदारों के साथ भारत के व्यापार में काफी बदलाव आया है. इससे न केवल आयात और निर्यात पर असर देखा गया है बल्कि कई अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रेड सरप्लस और व्यापार घाटे की स्थिति भी बदली है. इसमें कहा गया है कि इस अवधि में चीन को एक्सपोर्ट में 0.6 फीसदी की मामूली गिरावट देखी गई, जो 16.75 अरब डॉलर से घटकर 16.66 अरब डॉलर पर आ गया. वहीं चीन से इंपोर्ट 44.7 फीसदी बढ़कर 70.32 अरब डॉलर से 101.75 अरब डॉलर हो गया.

आंकड़े क्या कहते हैं

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का नंबर वन व्यापारिक भागीदार था. चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) देश का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था. आयात में इस बढ़ोतरी की वजह से व्यापार घाटा बढ़ गया है. ये 2018-19 के 53.57 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 85.09 अरब डॉलर हो गया. इसके विपरीत इस अवधि में अमेरिका के साथ व्यापार में इजाफा देखा गया है. अमेरिका को निर्यात में 47.9 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी हुई, जो 52.41 अरब डॉलर से बढ़कर 77.52 अरब डॉलर हो गया. अमेरिका से आयात भी 14.7 फीसदी बढ़कर 35.55 अरब डॉलर से 40.78 अरब डॉलर हो गया. इसके चलते भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस 16.86 अरब डॉलर से बढ़कर 36.74 अरब डॉलर हो गया.

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