(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : दिल्ली-एनसीआर में एक दशक बाद उलटी गंगा बह रही है। केजरीवाल सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट नहीं घटाने का नतीजा यह है कि वाहनों की जो कतार दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर दिखाई देती थी, वह अब यूपी, हरियाणा के पेट्रोल पंपों के आगे दिखाई दे रही है।राजधानी में कई पेट्रोल पंपों पर बिक्री 5 से 70 फीसद तक घटी है। इसका असर पेट्रोल-पंप संचालकों की आय पर भी पड़ा है। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता निषित गोयल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता मिलेगा तो लोग वहां जाएंगे ही।दैनिक जागरण की टीम ने पड़ोसी राज्यों से लगते दिल्ली के कुछ पेट्रोल पंपों का जायजा लिया। पाया कि सीमावर्ती इलाकों के पेट्रोल पंपों पर बिक्री 5 से 7 सितंबर की तुलना में अक्टूबर की इन तारीखों के बीच काफी कम रही।पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि बिक्री घटने से दिल्ली सरकार को भी नुकसान होगा। उसे वैट घटाने का फैसला जल्द लेना चाहिए, ताकि उसका राजस्व न घटे। केंद्र ने बीते दिनों पेट्रोल-डीजल के दामों में 2.5 रुपये की कटौती कर राज्यों से वैट में 2.5 रुपये घटाने की अपील की थी। करीब एक दशक बाद फिर से यूपी में दिल्ली के मुकाबले डीजल और पेट्रोल के दामों में कमी आई है। यही वजह है कभी दिल्ली के पेट्रोल पंप पर लगने वाली यूपी के वाहनों की लाइन कम हुई है। उल्टे अब यूपी के पेट्रोल पंपों पर दिल्ली की गाड़ियों की कतार देखने में आने लगी है, जो यहां अपने वाहनों की टंकी फुल करा रहे हैं। डीजल व पेट्रोल दिल्ली से सस्ता के बोर्ड भी यहां पेट्रोल पंपों पर दिखाई देने लगे हैं।तेल की लगातार बढ़ती कीमतों पर विपक्ष के साथ आम आदमी ने भी सरकार के खिलाफ गुस्सा पनपने लगा था। आमजन की भावनाओं को देखते हुए केंद्र ने जहां डीजल व पेट्रोल पर करीब 2.50 रुपये की एक्साइज ड्यूटी घटाई, वहीं यूपी सरकार ने भी तेल पर लगे वैट में करीब ढाई रुपये की कटौती कर दी। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा दी गई राहत से यूपी में पेट्रोल की कीमत में पांच रुपये की कमी आई। वहीं, दिल्ली सरकार ने केंद्र के एक्साइज ड्यूटी घटाने के बावजूद वैट में कटौती नहीं की।नतीजा गत छह अक्टूबर को तेल के दामों में कमी का असर यूपी में पांच तो दिल्ली में ढ़ाई रुपए कम हुआ। पहले जहां दिल्ली में पेट्रोल पंप पर यूपी की गाड़ियां टंकी फुल कराने को लाइन लगाए दिखती थी। गत छह अक्टूबर से स्थिति अब इसके बिल्कुल उलट है और यूपी के पेट्रोल पंपों पर तेल भरवाने को दिल्ली की गाड़ियों की कतार आम हैं। कई पेट्रोल पंप पर दिल्ली से सस्ता डीजल-पेट्रोल के बोर्ड लगा दिए हैं। इस बारे में पेट्रोलियम एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर सिंह का कहना है कि ऐसा करीब एक दशक पहले हुआ था।इंडियन यूथ कांग्रेस ने सोमवार को यूनाइटेड यूथ फ्रंट के साथ मिलकर पेट्रोल के बढ़ते दामों व बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरते हुए मंडी हाउस से संसद मार्ग तक मार्च किया। रैली में देश बचाओ, युवाओं को बचाओ के नारे देते हुए बड़ी संख्या में युवा जुटे। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यूपीए सरकार प्रत्येक राफेल विमान 526 करोड़ में खरीद रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने तीन गुना अधिक कीमत में राफेल विमान को खरीदा। वहीं, युवा जनता दल के नेता चंद्रशेखर ने कहा कि आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अपराध भाजपा की सरकार में हुए हैं। इस दौरान इंडियन यूथ कांग्रेस के उपाध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने कहा कि देश में इस समय बेरोजगारी बढ़ रही है।पेट्रोल व डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर दिल्ली प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थो पर मनमाने तरीके से वैट बढ़ाया है। अब जबकि लोग पेट्रोल व डीजल के बढ़ रहे दामों से परेशान हैं, इसके बावजूद सरकार वैट कम नहीं कर रही है। भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने रेल भवन के नजदीक प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार को केंद्र सरकार की तर्ज पर लोगों को राहत देने के लिए वैट कम करना चाहिए। राज्य सरकार को कम से कम पांच रुपये कम करना चाहिए। सुनील यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार वैट कम न करके यहां के लोगों पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ ही भाजपा शासित राज्यों में भी पेट्रोल व डीजल के दाम कम किए गए हैं, लेकिन दिल्ली सरकार लोगों को राहत देने को तैयार नहीं है। जनता ने केजरीवाल पर भरोसा करके उन्हें 67 सीटें देकर दिल्ली की सत्ता सौंपी थी। उनके साथ न्याय करने के बजाय वह झूठ व विवाद की सियासत करने में व्यस्त हैं। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू न करके गरीबों को इस लाभ से वंचित किया जा रहा है। इसी तरह से पेट्रोल व डीजल के दाम में भी कमी नहीं की जा रही है। दिल्ली सरकार की लोक विरोधी नीतियों का विरोध जारी रहेगा।