नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज अपनी दूसरी कैबिनेट बैठक की. इसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं, जिसमें धार्मिक स्थलों को 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान किया गया है. बिजली महकमे के लोग गांवों में भी जाकर काम करेंगे. वहीं गांव में 18 घंटे बिजली के आदेश दिए गए हैं. साथ ही आलू खरीद केंद्र बनाने का आदेश दिया गया है. 4 एजेंसियां मिलकर 1 टन आलू खरीदेंगी. साथ ही गन्ना किसानों को 14 दिन में पैसा देने का आदेश दिया गया है. गन्ना किसानों का पुराना भुगतान 4 माह में देने का आदेश दिया गया है.
योगी कैबिनेट ने लिए ये अहम फैसले
- पुराने बिलों पर बिजली सरचार्ज माफ
- 10 हजार से ज्यादा का भुगतान किश्तों में
- यूपी में घुसते ही उजाला दिखेगा
- पावर फॉर ऑल करार 14 अप्रैल को
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रदेश के दो करोड़ से अधिक लघु और सीमांत किसानों को फायदा देते हुए उनका एक लाख रुपये तक का कर्जा माफ करने का अहम फैसला लिया. सरकार ने किसानों का कुल मिलाकर 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया. सरकार ने किसानों द्वारा किसी भी बैंक से लिया गया फसली कर्ज माफ किया है. इसके लिए सभी किसानों के खातों में फौरन भुगतान किया जाएगा. इस फैसले से प्रदेश के राजकोष पर 36,359 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. पहली बैठक में बैठक में प्रदेश के किसानों को बिचौलियों से भी मुक्त करने का फैसला लिया गया है.
2. सरकार 80 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदेगी. इसके साथ ही अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने का फैसला भी लिया गया. इसके साथ आलू के उचित मूल्य किसानों को नहीं मिलते, इसके लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई गई है. सरकार ने बड़ा फैसला यह भी लिया है कि कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि आने वाले समय में हम आलू पैदा करने वाले किसान को किस तरह से राहत दे सकें’.
इसके साथ ही पहली बैठक में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित एंटी रोमियो दस्ते को लेकर कहा गया कि ‘अगर कोई कपल किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठे हैं, तो अनावश्यक रूप से उनसे पूछताछ किए जाने की शिकायत पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी’.
योगी सरकार ने पहली बैठक में यूपी में बड़े तादाद में पूंजी निवेश को लेकर राज्य सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने का फैसला किया था. इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जो अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीति की बारीकियों का अध्ययन करेगा और प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्यम से एक अच्छी उद्योग नीति का यहां निर्माण कर सकें, इसके लिए यह मंत्री समूह कई प्रदेशों में जाएगा.