न्यूज़लाइवनाउ–New Delhi एस जयशंकर ने कहा कि जो लोग भारत नाम पर आपत्ति जता रहे हैं उन्हें एक बार संविधान पढ़ लेना चाहिए. G-20 शिखर सम्मेलन में इंडिया की जगह भारत नाम लिखे जाने को लेकर चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सलाह दी है.
G-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति के शामिल नहीं होने पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने कुछ कारणवश न आने का फैसला किया है. लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है. मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है.’
उन्होंने कहा, “इंडिया दैट इज भारत’ और यह संविधान में है. मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा. जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है.”
इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें G-20 ऐसी चीज है जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए. जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी 1983 में फंसे रहना चाहिए उनका 1983 में फंसे रहने का स्वागत है.
विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का नाम भी ‘इंडिया’ है
प्रधानमंत्री PM Modi के इंडोनेशिया के दौरे के बारे में जानकारी देते हुए प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत का उल्लेख किया New Delhi केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज एजेंसी एएनाई से खास बातचीत की. इस दौरान G-20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतजाम की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था. वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके 2 किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो. यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है.
दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार (05 सितंबर) को जी-20 के डिनर इनवाइट पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखे होने का दावा किया था. इसके बाद से ही विपक्षी दल बीजेपी पर हमलावर हैं. विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का नाम भी ‘इंडिया’ है. इन पार्टियों का कहना है कि इंडिया गठबंधन से डरकर ही राष्ट्रपति ऑफ भारत का इस्तेमाल किया गया है.