न्यूज़लाइवनाउ – Paytm पर सख्त पाबंदी लगने की खबरों ने लोगों को चिंतित कर दिया है. पेटीएम के कुछ ग्राहकों को डर है कि कहीं उनका पूसा डूब न जाए, तो कुछ इसलिए चिंतित हैं कि अब आगे क्या होगा. क्या पेटीएम ऐप काम करना बंद कर देगा?
PayTM पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सख्त पाबंदी के बाद करोड़ों यूजर्स कंफ्यूजन में हैं. सोशल मीडिया पर तरह-तरह की खबरें चल रही हैं. ऐसे में यहां हम आज आपके सारे डाउट दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. देश के लाखों लोगों के लिए आज पेटीएम के जरिए लेनदेन करना, रिचार्ज, टिकट बुकिंग, स्टॉक मार्केट, आईपीओ, बिजली बिल, फास्टैग, क्रेडिट कार्ड, लोन, इंश्योरेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसी तमाम सर्विस का इस्तेमाल करना जिंदगी का एक तरह से हिस्सा सा बन गया है.
इस स्पेशल स्टोरी में हम आपको ग्राहकों के मन में पेटीएम की सर्विसेज के जुड़े सारे सवालों के जवाब तो देंगे ही. साथ ही पेटीएम के 15 साल के सफर की कहानी, उस पर लगे आरोप, आरबीआई की पाबंदी, ग्राहकों पर आरबीआई के आदेश का असर और उनके पास क्या हैं दूसरे ऑप्शन… इस बारें में आसान भाषा में समझाने की कोशिश है.
Paytm कितने तरह की सर्विस देता है
पेटीएम एक ब्रांड है. ये मुख्य रूप से तीन तरह की सर्विसेज देता है- पेमेंट, मर्चेंट और फाइनेंशियल सर्विस.
पेटीएम की पेरेंट कंपनी का नाम है- वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (PPBL). इस कंपनी का एक एसोसिएट बैंक है जिसका नाम है- पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड. वन97 कम्युनिकेशंस के पास पीपीबीएल का 49 फीसदी हिस्सा है, जबकि विजय शर्मा की 51 फीसदी हिस्सेदारी है.
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड और इसकी सर्विसेज पर रोक लगाई है. पीपीबीएल डिजिटल बैंकिंग सर्विस उपलब्ध कराता है. इसमें सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट और सहयोगी बैंकों के साथ मिलकर फिक्स्ड डिपॉजिट की सर्विस देता है. पेटीएम अपनी ज्यादातर सर्विस जैसे वॉलेट, यूपीआई, फास्टैग इसी बैंक के जरिए देता है.
रोक लगने के कारण
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) पर संदिग्ध लेनदेन के चलते सख्त पाबंदियां लगा दी हैं. 31 जनवरी को आरबीआई ने अपने आदेश में कहा- 11 मार्च 2022 को बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के 35ए नियम के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक न जोड़ने के निर्देश दिए गए थे. अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक 29 फरवरी के बाद अपने सेविंग-करंट अकाउंट, वॉलेट और फास्टैग में बैलेंस जमा नहीं कर सकेंगे. 15 मार्च तक पेटीएम को अपने नोडल अकाउंट सेटल करने होंगे.
मतलब 29 फरवरी तक ग्राहक पेटीएम बैंक के जरिए सभी तरह के लेनदेन कर सकते हैं. इस तारीख के बाद उन्हें पेटीएम खाते में नया पैसा जमा या टॉपअप करने की अनुमति नहीं है. हालांकि 29 फरवरी तक किसी भी माध्यम से जमा किए गए पैसे का इस्तेमाल ग्राहक आगे कभी भी कर सकते हैं जब तक उनके खाते में बैलेंस है.
आरबीआई का साफ निर्देश है कि पेटीएम को अपने ग्राहकों को पैसा निकालने और इस्तेमाल करने की पूरी सुविधा देनी होगी. ये सुविधा उन ग्राहकों के लिए भी है जिनके पास पेटीएम का सेविंग्स, करंट या प्रीपेड अकाउंट है या फास्टैग का इस्तेमाल करते हैं. इसमें नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी शामिल है. इस कार्ड का इस्तेमाल यात्रा के किराये या टोल टैक्स के भुगतान के लिए किया जाता है.
आरबीआई ने पेटीएम वॉलेट और उसके बैंक के बीच करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेनदेन के कारण ये पाबंदी लगाई है. आरोप है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में लाखों खाते बिना KYC नियमों का पालन किए खोले गए. इन खातों के जरिए करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ जो प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट की तय लिमिट से काफी ज्यादा है. इस कारण मनी-लॉन्ड्रिंग का शक हो रहा है. आपको बता दें,पेटीएम वॉलेट्स के करीब 3.3 करोड़ ग्राहकों ने दिसंबर 2023 तक 8000 करोड़ रुपये से ज्यादा के 24.72 करोड़ ट्रांजेक्शन किए. ये लेनदेन सामान या सेवाओं की खरीद बिक्री के लिए हुए हैं. वहीं 2.07 करोड़ ट्रांजेक्शन पैसे ट्रांसफर करने के लिए हुए. ये कुल 5900 करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं.
paytm की शुरुआत
पेटीएम पेमेंट्स बैंक दूसरे बैंकों से काफी अलग है. पेटीएम पेमेंट बैंक में सिर्फ पैसे जमा किए जा सकते हैं. उनको कर्ज देने का अधिकार नहीं है. ये एक ऐसा बैंक अकाउंट है जिसमें पैसे रखे जा सकते हैं, मगर एटीएम से कैश नहीं निकाले नहीं जा सकते.
वन97 कम्युनिकेशंस के पास प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) का लाइसेंस है जिसे पेटीएम पेमेंट्स बैंक शुरू करने के लिए इस्तेमाल किया गया. आम तौर पर दुकानदारों को जो भुगतान किया जाता है वो उनके पेटीएम पेमेंट अकाउंट में जाता है. फिर वहां से उसे दूसरे बैंक में ट्रांसफर किया जा सकता है. इसके लिए पेटीएम अपने मर्चेंट्स को क्रेडिट प्वाइंट देता है.
विजय शेखर शर्मा उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले के एक स्कूल टीचर के बेटे हैं. उन्होंने ही पेटीएम की नींव रखी. 1997 में उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही indiasite.net नाम से एक वेबसाइट बनाई थी, जिसे बाद में लाखों रुपये में बेचा था. चीनी कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा की सक्सेस स्टोरी पढ़कर विजय शर्मा काफी ज्यादा प्रभावित हो गए थे. उन्होंने देखा कि कैसे अलीबाबा ग्रुप कंप्यूटर डेस्कटॉप के बजाय स्मार्टफोन पर ज्यादा फोकस कर रहा है. यहीं से उनके दिमाग में डिजिटल पेमेंट का आईडिया आया.
पेटीएम की फुल फॉर्म ‘पेमेंट थ्रू मोबाइल’ है. शुरुआत में पेटीएम ने भारतीय ग्राहकों को मोबाइल से सब्जी, फल, मूवी टिकट खरीदने और भुगतान करने की सुविधा दी. उन्होंने मार्केटप्लेस में पेटीएम के जरिए लेने देन करने की योजना बनाई. एक सुई से लेकर मोबाइल तक खरीदने बेचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया था. इसके बाद धीरे-धीरे तमाम तरह की सुविधाएं पेटीएम जोड़ता रहा और देखते ही देखते पेटीएम एक बड़ा ब्रांड बन गया.
कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, साल 2009 में विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम सेवा की शुरुआत की. तब से आजतक देश में पेटीएम के 30 करोड़ से ज्यादा ग्राहक बन चुके हैं. लगभग हर साल कंपनी कुछ न कुछ नई सर्विस लॉन्च कर दी गई. 2012 में पेमेंट गेटवे सर्विस की शुरुआत हुई जिसके तहत ग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट करने सुविधा मिली. 2014 में पेटीएम वॉलेट सर्विस लॉन्च हुई. यहां से बिजनेस में तेजी आने की शुरुआत हुई. 2015 में ग्राहकों को क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट करने की सुविधा मिली. अगले साल 2016 फ्लाइट टिकट खरीदने की भी सुविधा मिली.
साल 2017 में विजय शेखर शर्मा ने अपनी एक एसोसिएट पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) कंपनी लॉन्च की. इसके बाद पेटीएम ने ग्राहकों को सेविंग अकाउंट खोलने की भी सुविधा दी. पेटीएम का डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी जारी किया जाने लगा. ज्यादातर बैंकिंग ट्रांजेक्शन पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जरिए ही किए जाने लगे.
इसी साल पेटीएम ने गोल्ड में निवेश करने और इवेंट बुकिंग का भी ऑप्शन खोल दिया. साथ ही फास्टैग भी लॉन्च किया. 2018 में पेटीएम पोस्टपेड और पेटीएम मनी के जरिए लोन देने की सुविधा दी. 2019 में पेटीएम साउंड बॉक्स लॉन्च हुआ. मर्चेंट्स को पेटीएम पर कितना पेमेंट आया ये सुनने की सुविधा मिली. अब तक सिर्फ पेटीएम से पेटीएम के खाते या वॉलेट में ही पैसे ट्रांसफर करने का ऑप्शन था. 2020 में ऑल-इन-वन QR कोड की सुविधा मिली. किसी भी कंपनी के क्यूआर कोड के जरिए पैसा भेजने और लेने का सिस्टम शुरू हुआ.
2021 में पेटीएम पर डीमैट अकाउंट खोलकर शेयर खरीदने बेचने की सुविधा मिली. फिर 2023 में ग्राहकों को छोटे पेमेंट के लिए पेटीएम यूपीआई लाइट सर्विस मिली. साथ ही यूपीआई पर रुपे कार्ड जोड़ने की सुविधा मिली और पेटीएम एसबीआई कार्ड भी लॉन्च हुआ. इस तरह कंपनी बुलंदियां छूती गई.
क्या Paytm ऐप 29 फरवरी के बाद बंद हो जाएगा?
नहीं, पेटीएम ऐप पहले की तरह ही चालू रहेगा. आरबीआई ने पेटीएम के डिजिटल पेमेंट बैंक पर पाबंदी लगाई, न कि पेटीएम ऐप पर. कंपनी ने एक बयान में साफ-साफ कहा है कि पेटीएम और उसकी सेवाएं 29 फरवरी के बाद भी चालू रहेंगी. क्योंकि पेटीएम की ओर से दी जाने वाली ज्यादातर सेवाएं सिर्फ एसोसिएट बैंक (पेटीएम पेमेंट्स बैंक) के साथ नहीं बल्कि दूसरे बैंकों के साथ भी भागीदारी में हैं.
हां, अगर भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार खामियों को खत्म नहीं किया गया तो पेटीएम पेमेंट्स बैंक मुश्किल में पड़ सकता है. या ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि कोई दूसरा बैंक इसे टेकओवर कर ले. चिंता का बात बिल्कुल नहीं है. यूपीआई सर्विस पहले की तरह ही जारी रहेगी. पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जरिए यूज होने वाली UPI सर्विस पर रोक लगी है. मतलब अगर आपका किसी दूसरे बैंक में खाता है तो पेटीएम की यूपीआई सर्विस इस्तेमाल कर सकते हैं.
नहीं, ये सभी सर्विस चालू रहेंगी. आपका पेटीएम क्यूआर सेम रहेगा. आप बिना किसी रुकावट के आसानी से पैसा लेने में सक्षम हैं और आगे भी होंगे. कंपनी का कहना है कि किसी भी व्यापारी की भुगतान सेवा प्रभावित नहीं होगी. पेटीएम की ऑफलाइन मर्चेंट सर्विस नेटवर्क जैसे कि पेटीएम क्यूआर कोड, पेटीएम साउंड बॉक्स, पेटीएम कार्ड मशीन पहले की तरह ही जारी रहेगी. खास बात ये है कि नए ऑफलाइन व्यापारी भी कंपनी की इस सर्विस के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
1 मार्च से मर्चेंट्स अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में पैसा रिसीव नहीं कर पाएंगे. उनके अकाउंट में क्रेडिट की अनुमति नहीं होगी. जिन दुकानदार या कंपनियों के पास दूसरे बैंक के रिसीवर/क्यूआर स्टिकर्स हैं वो डिजिटल पेमेंट स्वीकार कर सकेंगे. यहां तक कि ग्राहक भी पेटीएम ऐप से पेमेंट कर सकते हैं. 29 फरवरी तक ग्राहक इन सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन खातों में पैसा भी ऐड किया जा सकता है, मगर 1 मार्च से नया पैसा जमा करने पर रोक है. हालांकि जमा किए गए पैसे को भविष्य में कभी भी इस्तेमाल कर सकते हैं. पेटीएम वॉलेट भी पैसे ऐड नहीं कर सकेंगे.
पेटीएम मनी ऐप पर सभी ग्राहकों के म्यूचुअल फंड या एसआईपी एकदम सुरक्षित हैं. इस पर कोई पाबंदी नहीं है. वह पहले की तरह ही म्यूचुअल फंड खरीद या रिडीम कर सकते हैं. सभी की SIP भी जारी रहेगी. म्यूचुअल फंड/एसआईपी का नियंत्रण एएमसी के पास है. आरबीआई की ओर से पेटीएम मनी लिमिटेड पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगी है. इसलिए पेटीएम मनी ऐप चालू रहेगी. सभी इक्विटी या एनपीएस सेफ हैं. 29 फरवरी के बाद भी खरीदने बेचने की सुविधा जारी रहेगी. कंपनी ने कहा है कि पेटीएम मनी लिमिटेड सेबी के सभी नियमों का पालन कर रही है.
अगर आपके पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक का डेबिट या क्रेडिट कार्ड है तो इसकी सर्विसेज प्रभावित होंगी. पेटीएम के कार्ड के जरिए कोई लेन देन नहीं कर सकेंगे. हालांकि 29 फरवरी तक खाते में जितना बैलेंस होगा उसे ही सिर्फ इस्तेमाल कर सकेंगे. आपका पेटीएम गोल्ड पूरी तरह से सुरक्षित रखा है. इसका आरबीआई की पाबंदी से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि गोल्ड इन्वेस्टमेंट MMTC-PAMP के तहत आता है. हां बस आप किस भी लेनदेन के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
पेटीएम से लिए लोन और इंश्योरेंस सेफ है. इसका कारण ये है कि लोन और इंश्योरेंस सर्विस दूसरे बैंक और NBFC के जरिए मिलती है. इसलिए इसका पेटीएम पेमेंट्स बैंक से कोई मतलब नहीं है. पेटीएम से मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल क्रेडिट कार्ड बिल पहले की तरह आगे भी जमा कर सकते हैं. कोई रोक टोक नहीं होगी.
जी हां. ये सभी पेटीएम ऐप की सर्विस है. पहले की तरह आगे भी ये सेवाएं जारी रहेंगी. यह पूरी तरह से आपका अपना फैसला है. देखा जाए तो पेटीएम का बीते एक साल में 50 फीसदी से ज्यादा गिरा है. आरबीआई की पाबंदी बाद से हर दिन टूटता ही जा रहा है. आज शेयर की कीमत 438 रुपये पर है. एक्सपर्ट अभी पेटीएम का शेयर खरीदने की राय नहीं दे रहे हैं. उनका मानना है कि शेयर का प्राइज अभी और नीचे जा सकता है. सेबी ने इसकी सर्किट लिमिट 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दी है
जिन ग्राहकों ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अकाउंट को अपने डिफॉल्ट खाते के तौर पर सेट कर रखा है, उन्हें 29 फरवरी 2024 से पहले दूसरा बैंक खाता जोड़कर इसे अपडेट करना होगा. इसके बाद पेटीएम ऐप की सभी सर्विस इस्तेमाल कर सकेंगे. इनमें मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज, क्रेडिट कार्ड बिल, रेंट बाय क्रेडिट कार्ड, वॉटर बिल सिलेंडर बुकिंग, एजुकेशन फीस, चालान, मेट्रो रिचार्ज, होटल बुकिंग आदि शामिल है.
पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा का दावा है कि कंपनी चल रही है और 29 फरवरी के बाद भी हमेशा की तरह काम करती रहेगी. हर चुनौती का एक समाधान होता है. कंपनी सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक के साथ नहीं, बल्कि अलग-अलग पेमेंट प्रोडक्ट पर कई बैंकों के साथ मिलकर काम करती है. RBI की पाबंदी के बाद कंपनी का मकसद अब सिर्फ दूसरे बैंकों के साथ साझेदारी करके अपना व्यापार बढ़ाना है. उनकी कोशिश है कि पहले की तरह की ही सभी सर्विस दूसरे बैंकों की मदद से अपने ग्राहकों तक पहुंचाना जारी रखा जाए.
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