WOW एयरलाइन्स से अब मात्र 13500 रुपये में करें नई दिल्ली से न्यू यॉर्क का हवाई सफर

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): पश्चिमी देशों की यात्रा करने वाले लाखों भारतीयों के लिए राहत भरी खबर है। देश में एक नई एयरलाइन आई है

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): पश्चिमी देशों की यात्रा करने वाले लाखों भारतीयों के लिए राहत भरी खबर है। देश में एक नई एयरलाइन आई है, जो सस्ती हवाई यात्रा कराएगी। आइसलैंड की ‘वॉव एयर’ नाम की यह एयरलाइंस भारत से अमेरिका के लिए मात्र 13500 रुपये में टिकट उपलब्ध कराएगी। यह उड़ान आइसलैंड की राजधानी रेक्जाविकहोते हुए पूरी होगी। इसकी शुरुआत 7 दिसंबर से होगी। एयरलाइंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्कुली मोगेनसेन ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि वॉव एयर के एयरबस ए330निओ के टिकट एमिरेट्स एयरलाइन्स के टिकट की कीमत के आधे में मिलेंगे। यह सिर्फ इंट्रोडक्टरी किराया नहीं है। मोगेनसेन ने कहा, ‘अगर आप भारत से उत्तरी अमेरिका जाने वाली फ्लाइट्स को देखेंगे, तो वे सीधे आइसलैंड होते हुए जाती हैं। ऐसे में आइसलैंड भारत और उत्तरी अमेरिका के ट्रैफिक के लिए सबसे बेहतर केंद्र है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग लंदन, दुबई, फ्रैंकफर्ट और अम्सटर्डम होते हुए यात्रा करते हैं। इनकी तुलना में आइसलैंड सबसे बेहतर कनेक्टीविटी केंद्र है। वॉव एयर, एमिरेट्स और एतिहाद एयरवेज जैसी एयरलाइंस के लंबे समय से प्रभुत्व वाले बाजार में आगे निकलने की होड़ में है। इससे वॉव एयर को तेजी से बढ़ रहे एविएशन बाजार का शुरुआती लाभ भी मिल सकता है। मेक माई ट्रिप के एक ट्रैवल एजेंट के मुताबिक, मिडिल ईस्टर्न कैरियर्स आमतौर पर 15 जून को भारत से अमेरिका के लिए सबसे सस्ती फ्लाइट का आॅफर देते हैं। टर्किस एयरलाइंस ने सबसे सस्ता 420 डॉलर यानी लगभग 28000 रुपये में टिकट का ऑफर दिया था। यह इंस्तांबुल में एक स्टॉप के साथ था। वहीं, एमिरेट्स ने 510 डॉलर यानी लगभग 34000 रुपये किराये का ऑफर दिया था। एयरइंडिया ने सबसे सस्ती और नॉन स्टॉप फ्लाइट का ऑफर 660 डॉलर यानी करीब 45000 रुपये और यूनाइटेड एयरलाइंस ने 940 डॉलर यानी लगभग 64000 रुपये में दिया था। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन के मुताबिक, यूके को पीछे छोड़ते हुए 2025 तक भारत 278 मिलियन यात्रियों के साथ तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन जाएगा। यह बाजार देश की अर्थव्यवस्था में 172 बिलियन डॉलर का योगदान देगा, जो अभी के 72 बिलियन डॉलर की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा होगा।

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