शामली में यशवीर महाराज का बयान, “मदरसों में तैयार किए गए 20 हज़ार कट्टरपंथी”

(न्यूज़लाइवनाउ-UP) उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले में पहुंचे साधु यशवीर महाराज ने एक विवादास्पद टिप्पणी कर सनसनी फैला दी है। उन्होंने दावा किया कि देशभर में इस्लामिक संगठन करीब 20 हज़ार उग्र विचारधारा वाले युवकों को धार्मिक विद्यालयों (मदरसों) में प्रशिक्षित कर चुके हैं।

यशवीर महाराज के अनुसार, ये तत्व पूजा स्थलों में सेवा का दिखावा कर हिंदू समाज की महिलाओं से संपर्क साधते हैं, उनके फ़ोटो और मोबाइल नंबर हासिल कर उन्हें कट्टर मानसिकता वाले गिरोहों तक पहुंचाते हैं, जिससे तथाकथित ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा मिले।

मंदिर में छिपे व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद पहुंचे महाराजदरअसल, यशवीर महाराज शामली के मंटी हसनपुर गांव स्थित एक मंदिर में उस समय पहुंचे जब वहां एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद मामला गरमा गया। पुलिस के अनुसार, पकड़ा गया व्यक्ति पश्चिम बंगाल का निवासी है और मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है, जो कथित रूप से 14 वर्षों से अपनी असल पहचान छिपाकर मंदिर में पुजारी बनकर रह रहा था।

इस घटना के बाद यशवीर महाराज ने मंदिर में शुद्धिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें स्थानीय लोग और बजरंग दल के सदस्य भी शामिल हुए।

हवन और वैदिक अनुष्ठानों से किया गया शुद्धिकरणमंदिर परिसर में विशेष हवन का आयोजन हुआ, जिसमें ग्रामीणों और संगठन के कार्यकर्ताओं ने आहुतियां अर्पित कीं। यशवीर महाराज ने कहा कि मंदिर में वर्षों तक एक ऐसा व्यक्ति रहा जो गाय के मांस का सेवन करता है, ऐसे में मंदिर की पवित्रता भंग हो गई। उन्होंने सवाल उठाया कि वह व्यक्ति मूर्तियों के साथ क्या व्यवहार करता था, यह जाँच का विषय है।

“इस्लामिक संगठन भारत को अस्थिर करने की साज़िश में लिप्त”यशवीर महाराज ने कहा कि कुछ विदेशी और देश के अंदर सक्रिय इस्लामिक समूह भारत की सांस्कृतिक जड़ों और सनातन परंपरा को समाप्त करने की साजिश में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “इनका उद्देश्य भारत को अस्थिर कर गृह युद्ध की स्थिति पैदा करना है।”

उनका दावा है कि इन 20 हज़ार कथित प्रशिक्षित लोगों को हिंदू रीति-रिवाज़ सिखाए गए हैं, उन्हें साधु का रूप धारण करने की कला सिखाई गई है ताकि वे पहचान छिपाकर मंदिरों में घुसपैठ कर सकें और महिला श्रद्धालुओं से जुड़ सकें।

“पूजा-पाठ के बहाने महिलाओं से संपर्क साधते हैं”

यशवीर महाराज का आरोप है कि ये लोग हाथ देखने और पूजा कराने के बहाने महिलाओं के संपर्क में आते हैं और उनका विश्वास जीतकर उनकी निजी जानकारी जुटाते हैं। इसके बाद ये सूचनाएं उनके नेटवर्क में साझा की जाती हैं ताकि ‘लव जिहाद’ जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।

उन्होंने इस पूरे मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिए स्थानीय पुलिस की सराहना की और यह मांग की कि इस व्यक्ति को मंदिर में किसने नियुक्त किया और उसे किसने प्रशिक्षित किया—इसकी गहन जांच होनी चाहिए।

अंत में, यशवीर महाराज ने सनातन धर्मावलंबियों से अपील की कि वे अपने-अपने पूजा स्थलों में सजग रहें और इस तरह के संदेहास्पद लोगों की पहचान कर उन्हें सामने लाएं।

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