(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): आज से सावन महीने की शुरुआत हो रही है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कांवड़ पथ की सुरक्षा और कांवड़ियों की सुविधा को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। इस बार जहां एक तरफ कांवड़ यात्रा मार्ग पर ड्रोन से निगरानी होगी तो वहीं दूसरी तरफ कांवड़ पथ के आस-पास की सभी नॉनवेज और वाइन शॉप को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही मेरठ से लेकर मुजफ्फरनगर और हरिद्वार बॉर्डर तक, कांवड़ियों के रास्ते पर 2500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
बता दें कि हरिद्वार के गंगा घाटों से जल लाकर भगवान शिव के विभिन्न मंदिरों में जलार्पण के लिए कांवड़ियों का हुजूम निकलने वाला है। उनकी भक्ति में कोई खलल न पड़े, इसको लेकर यूपी की योगी सरकार ने खास तैयारी की है। आयोजकों को अनुमति देने से पहले शपथ पत्र लेने को कहा गया है और पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। हाइवे पर पड़ने वाले अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा दुरुस्त रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही भड़काऊ बयान देने करने वालों के साथ कड़ाई से पेश आने के निर्देश हैं और अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता से निपटने को कहा गया है।
मुजफ्फरनगर जिले में सबसे ज्यादा कांवड़ पथ पड़ते हैं, इसलिये कांवड़ मार्ग पर एक-एक नॉ़नवेज की दुकानें बंद करा दी गई हैं। होटल और रेस्टोरेंट के बाहर लगाए गए डिस्प्ले को भी तिरपाल से पूरी तरह ढक दिया गया है। मुजफ्फरनगर के कुल 7 रास्तों से राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के लिए कांवड़ यात्री गुजरते हैं। सभी रास्तों पर साफ सफाई के साथ-साथ लाइटिंग और सीसीटीवी के इंतजाम किए है। मुजफ्फरनगर जिले को 9 जोन और 80 सेक्टरों में बांटा गया है। जहां 12-12 घंटे पर 3 शिफ्ट में अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 1527 सीसीटीवी कैमरों से शहर में निगरानी की जाएगी।
सोमवार शाम हरिद्वार में गंगा आरती के साथ ही उत्तराखंड के डीजीपी ने कांवड़ यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे हरिद्वार में 8 हजार जवान तैनात हैं। कांवड़ पथ में पड़ने वाला दूसार बड़ा जिला मेरठ भी तैयार है। यहां कांवड़ मार्ग पर 1000 CCTV कैमरे लगाए गए हैं। उत्तराखंड में पुलिस प्रशासन भी हरिद्वार में लगने वाले साल के सबसे बड़े मेले के लिए कमर कस कर तैयार है। कुल मिलाकर पूरे सावन में माहौल भक्तिमय रहने वाला है और आज से सावन के अंत तक योगी सरकार कांवड़ यात्रा की सफलता से लेकर धार्मिक स्थलों की पवित्रता तक, कोई कोर कसर छोड़ते नहीं दिख रही।